रामनगरी में आसमान छू रही भूमि की कीमतें, 2 हजार रुपये स्क्वायर फीट से ज्यादा है कीमत | Land Price in Ayodhya

रामनगरी में आसमान छू रही भूमि की कीमतें रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भूमि खरीद में गड़बड़ी के आरोपों को आईना दिखाने वाली है। आरोप के मुताबिक 10 मिनट पूर्व दो करोड़ में बैनामा कराई गई भूमि का एग्रीमेंट तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में कराया और इस तरह राम मंदिर निर्माण के लिए एकत्र करोड़ों रुपये की बंदरबांट कर ली गई। यह आरोप लगानेवाले यह तथ्य भूल गए कि ट्रस्ट ने जिस भूमि का एग्रीमेंट कराया, बाजार भाव के हिसाब से उसकी संभावित कीमत 18.50 करोड़ से कहीं अधिक है। ट्रस्ट ने यह कीमत 1423 रुपये प्रति वर्ग फीट के हिसाब से अदा की, जबकि इसी भूखंड के आसपास की जमीन दो से ढाई हजार रुपये प्रति वर्ग फीट की दर पर धड़ल्ले से बेची-खरीदी जा रही है।

Land bought for Rs 2 cr sold to Ram Janmabhoomi trust for Rs 18 cr in mins,  say SP, AAP

सुप्रीम फैसला आने के बाद की 19 माह की अवधि में यदि रामनगरी की विकास की संभावनाओं को पर लगे, तो दुनिया भर के रामभक्त अयोध्या की ओर उन्मुख हो रहे हैं। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तीर्थनगरी विकसित किए जाने के प्रयासों के बीच यहां की इंच-इंच भूमि पर न केवल विकास का खाका खींचा जा रहा है, बल्कि उसे हासिल करने के लिए बड़ी से बड़ी कीमत लगाई जा रही है।

ट्रस्ट ने सूझबूझ का लोहा मनवाया

जमीन की खरीद-फरोख्त का कारोबार करने वाले समाजसेवी विकास श्रीवास्तव के अनुसार अयोध्या की पंचकोसीय परिधि में जमीन ही नहीं बची है। ऐसे में रामजन्मभूमि परिसर के विस्तार से विस्थापित होने वालों का पुनर्वास सुनिश्चित कराने के लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक प्लाट के रूप में एक लाख 30 हजार वर्ग फीट भूमि का प्रबंध कर अपनी सूझबूझ का लोहा मनवाया है और वह भी 1423 रुपये प्रति वर्ग फीट की दर से। वे मामले में गड़बड़ी की शिकायत करने वालों को चुनौती देते हुए कहते हैं, इससे कम रेट पर पंचकोसी सीमा क्षेत्र में कहीं जमीन हो तो दिला कर दिखाएं। वे मामले में गड़बड़ी की शिकायत को अनर्गल और राजनीति से प्रेरित करार देते हैं। 

यदि समग्र अयोध्या की बात करें, तो कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां जमीन की कीमत चार से पांच हजार रुपये प्रति वर्ग फीट है। जमीन का कारोबार करने वालों के मुताबिक रामनगरी में जमीन की कीमत कोई एक दिन में नहीं बढ़ी है। बढ़ती जनसंख्या एवं शहरीकरण के दौर में जमीनों के दाम स्वाभाविक प्रक्रिया के तहत बढ़ रहे थे। दो दशक पूर्व तक रामनगरी के भूखंडों की दर प्रति बिस्वा हजारों में हुआ करती थी, वह मौजूदा शताब्दी के साथ लाखों में तय होने लगी। नौ नवंबर 2019 को रामलला के हक में आए सुप्रीम फैसले के साथ रामनगरी में जो चुनि‍ंदा बदलाव हुआ, उसमें से एक यह था कि जमीन की कीमत प्रति बिस्वा की बजाय प्रति वर्ग फीट में तय होने लगी और इसके बाद शायद ही किसी ऐसी जमीन की खरीद-फरोख्त हुई हो, जिसकी कीमत हजार रुपये प्रति वर्ग फीट से कम रही हो।

Like us share us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *