चित्रकूट। पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल के निर्देश पर मऊ थानाध्यक्ष की टीम ने खप्टिहा गांव में विवाहिता अंतिमा देवी की हत्या का पांच दिन के अन्दर खुलासा कर आरोपी को दबोचा है।
मंगलवार को पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 31 दिसम्बर को मऊ थाना क्षेत्र के खप्टिहा गांव में हरिश्चन्द्र विश्वकर्मा की पुत्री अन्तिमा देवी का शव गांव के इन्द्रकुमार के सरसों के खेत में मिला था। पिता की तहरीर पर हत्या का मामला दर्जकर उन्होंने मऊ थानाध्यक्ष गुलाब त्रिपाठी को खुलासे के निर्देश दिये थे। थानाध्यक्ष की टीम ने आरोपी सुधीर द्विवेदी को दबोचकर सख्ती से पूंछताछ की। पंूछताछ में आरोपी ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि 31 दिसम्बर की शाम पांच बजे साथियों के साथ गांव पहुंचा तो वहां गहने पहने अन्तिमा देवी शौच क्रिया को जाती दिखाई दी। गहनों की लालच में अन्तिमा देवी को पकड़कर जमीन पर पटककर मंगलसूत्र लेने का प्रयास किया तो अन्तिमा ने दांतों से काट लिया। इस पर सुधीर द्विवेदी ने अन्तिमा की गला घोंटकर हत्या कर दी।
छीना-झपटी में मंगलसूत्र सरसों के खेत में कहीं खो गया। मृतका के पैरों से पायल निकालकर वह भाग गया। पायलों को सरपतहा मोड के पास नहर किनारे बबूल के पेड की झाडी में छुपा दिया था। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने पायलों को बरामद किया। छीना-झपटी में गिरे मंगलसूत्र को घटना के दिन ही पुलिस ने बरामद कर लिया था। घटना के खुलासे में मऊ थानाध्यक्ष गुलाब त्रिपाठी, निरीक्षक अपराध बृजेश यादव, वरिष्ठ दरोगा गोपालचन्द्र कनौजिया, दरोगा मेवालाल मौर्या, सिपाही शिवम मिश्र, सतीश कुमार व चालक राजकुमार शामिल रहे।