स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार देश में सक्रिय मामलों में कमी देखी जा रही है। 3 मई को रिकवरी रेट 81.3 फीसद थी जिसके बाद रिकवरी में सुधार हुआ है।अब रिकवरी रेट 83.83 फीसद है। 75 फीसद मामले 10 राज्यों से आ रहे हैं और कुल सक्रिय मामलों का 80 फीसद सिर्फ 12 राज्यों में है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि देश में 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां 15 फीसद से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है। 5 से 15 फीसद पॉजिटिविटी रेट 10 राज्यों में है। 5 फीसद से कम पॉजिटिविटी रेट 3 राज्यों में है। पिछले 1 सप्ताह में 18 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पॉजिटिविटी रेट कम हुई है। देशभर में पॉजिटिविटी रेट जो 21.9 फीसद थी, वो अब 19.8 फीसद रह गई है।
ब्लैक फंगस से लोगों की हो रही मौत
इसके साथ ही एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, यह सबसे महत्वपूर्ण है कि हम अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं के प्रोटोकॉल का पालन करें। यह देखा गया है कि ज्यादातर मरीज दूसरे संक्रमण यानी ब्लैक फंगस (Mucormycosis) से लोगों की मौत हो रही है।
गुलेरिया के अनुसार ब्लैक फंगस (Mucormycosis) के पीछे स्टेरॉयड का दुरुपयोग एक प्रमुख कारण है। मधुमेह, कोरोना पॉजिटिव और स्टेरॉयड लेने वाले रोगियों में फंगल संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसे रोकने के लिए हमें स्टेरॉयड का दुरुपयोग रोकना चाहिए। ब्लैक फंगस का यह रोग चेहरे, नाक, आंख या मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है, जिससे दृष्टि हानि भी हो सकती है। यह फेफड़ों में भी फैल सकता है।
देश के अधिकतर राज्यों में कोरोना के सक्रिय मामलों में गिरावट देखी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश के 11 राज्यों में 1 लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं। 8 राज्यों में 50,000 से 1 लाख के बीच कोरोना के सक्रिय मामले हैं। देश के 17 राज्यों में 50,000 से कम कोरोना के सक्रिय मामले हैं। महाराष्ट्र, यूपी, गुजरात और छत्तीसगढ़ जहां अधिक संख्या में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं और वहां भी अब सक्रिय मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। इसके साथ ही मंत्रालय ने बताया कि चिंता का कारण तमिलनाडु है जहां पिछले एक सप्ताह में सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।