
@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।

- क्या कर रही है एनजीटी के आदेश पर बनी बाँदा मे डीएम की अध्यक्षता वाली ओवर साइट कमेटी ?
- कहाँ है क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी और भूगर्भीय जल संसाधन दोहन की निगरानी हेतु नामित सदस्यगण ?
- मयूर कामर्शियल बिल्डिंग के बेसमेंट पार्किंग पर पहले से संचालित है अवैध वी मार्ट ।
- निजी नर्सिंग होम की विवादित डीड्स के बाद बीडीए का एक और कारनामा कि सार्वजनिक पार्किंग को भूखंड बनाकर बेच रहें है चार भूमाफिया और बीडीए को सुध नही।
बाँदा। शहर के छावनी चौराहा के पास स्थित बहुमंजिला मयूर व्यवसायिक काम्प्लेक्स के बेसमेंट पर पार्किंग स्थल मे संचालित ‘वी-मार्ट’ पहले से ही अवैध है। संज्ञान रहे कि बीडीए इसको पूर्व मे सीज कर चुका है। यह बहुमंजिला बिल्डिंग बीडीए की कामर्शियल नक़्शे के मानकों के विपरीत बनी है। मयूर मल्टीप्लेक्स ने नक्शे बेसमेंट को पार्किंग दिखाया है। साथ ही पूर्व मे मयूर मल्टीप्लेक्स काम्प्लेक्स सहित शहर के 23 व्यावसायिक बिल्डिंग मसलन होटल,मैरिज हाउस और नर्सिंग होम को लेकर राष्ट्रीय विकास अधिकरण / एनजीटी ने जनहित याचिका संख्या 102/2019 मे राज्य सरकार बनाम आशीष सागर दीक्षित@आशीष कुमार दीक्षित की रिट पर चित्रकूट मंडल के चारों जिलाधिकारी को नियमो के अनुपालन हेतु सख्त दिशानिर्देश दिए थे।
याचिका मे 26 पेज के ऑर्डर पर चारों ज़िलों मे डीएम को ज़िला स्तर पर व्यवसायिक भवनों, मल्टीप्लेक्स होटलों, मैरिज हाउस और निजी नर्सिंग होम की सतत निगरानी के वास्ते ओवर साइट कमेटी का गठन करने के आदेश दिए गए थे।

गौरतलब है यह बाँदा,चित्रकूट, हमीरपुर और महोबा मे मुमकिन भी हुआ था। तब बाँदा के तत्कालीन जिलाधिकारी रहे श्री आनंद कुमार सिंह ने डीएम की अध्यक्षता मे ओवर साइट कमेटी मे बनाई थी। जिसमें पीसीबी / क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी व भूगर्भीय जल संरक्षण विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका का निर्देश हुआ था। लेकिन वक्त के साथ बाँदा से स्थान्तरित होते डीएम साहब ने यह आदेश महज गार्ड फ़ाइल मे लगा लिए है। वहीं बाँदा डीएम रही श्रीमती दुर्गाशक्ति नागपाल ने भी एक पत्र जारी करके इस कमेटी व पर्यावरण संरक्षण समिति को कई निर्देश दिए थे लेकिन आज तक सम्बंधित अधिकारी कुछ नही किये है। विडंबना देखिए कि बाँदा मे लगातार अफसरों और बीडीए के अधिकारियों की मिलीभगत से कहीं निजी नर्सिंग होम शिवकृष्ण मल्टीसिटी अस्पताल की डीड्स पर निवर्तमान एडीएम एफआर का कनेक्शन उजागर होता है। तो कहीं आज पत्रकार साथियों ने खुलासा किया कि बाँदा के कुछ नामचीन भूमाफिया संघठित नेटवर्क बनाकर शहर के मयूर मल्टीप्लेक्स काम्प्लेक्स मे सार्वजनिक पार्किंग को ही भूखण्ड बनाकर बेचने मे जुटे है।

यहां उल्लेखनीय है कि मयूर मल्टीप्लेक्स व्यवसायिक बिल्डिंग की बेसमेंट मे बनी नक्शा मुताबिक पार्किंग पर वी मार्ट संचालन होता है। जिसको बीडीए पहले भी सीज कर चुका है। वहीं आज इस मयूर मल्टीप्लेक्स की बिल्डिंग बाहरी पार्किंग को कांग्रेस नेता /पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष संजय गुप्ता रहवासी आवास-विकास बी ब्लाक, नदीम खान उर्फ बिट्टू निवासी खांईपार,पीलीकोठी निवासी नितेश अग्रवाल, झांसी के ग्रीन पार्क कालोनी निवासी वीरेंद्र कुमार राय ने धोखाधड़ी करके बेचने का कारनामा किया है। इस खेल मे बीडीए के मौजूदा अधिकारियों से सांठगांठ व मिलीभगत करने के संकेत है। जैसा कि सबको ज्ञात हो चुका है कि मयूर व्यावसायिक बिल्डिंग की बाहरी सार्वजनिक पार्किंग को आवासीय भूखंड दर्शाकर उक्त चार लोगों ने 23.80 लाख रुपये मे मोहम्मद आरिफ को बेच दिया है। जब मो.आरिफ ने उक्त मयूर मल्टीप्लेक्स काम्प्लेक्स की बाहरी सार्वजनिक पार्किंग मे निर्माण कार्य शुरू कराया तो बाँदा विकास प्राधिकरण ने इसको सीज कर दिया था। इस ज़मीनी मामलें की धोखाधड़ी से आहत मो.आरिफ ने भागदौड़ के बाद सक्षम न्यायालय बाँदा से नगर कोतवाली मे आईपीसी की धारा 420व 406 मे केस लिखाया था। किंतु मुकदमा आईओ ने एफआईआर निरस्त कर दी जिस पर हाईकोर्ट से आदेश बाद पुनः उक्त चार लोगों पर मो.आरिफ की तरफ से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई है।

क्या था एनजीटी का आदेश –

चित्रकूट मंडल के सभी जिलों सहित बाँदा मे वर्ष संचालित कामर्शियल भवन /मैरिज हाउस/निजी नर्सिंग होम/अन्य कारोबार जिनकी एनओसी पीसीबी जारी करता है। और जो भूगर्भीय जल दोहन करते, वायुप्रदूषण कर रहें है को दायरे मे लेकर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1936 व अधिनियम 1981 (वायु प्रदूषण), जल प्रदूषण एक्ट 1974 व 1986 के अंतर्गत होटल,मैरिज हाल (बैंक्वेट हाल),माल से पैदा होने वाले उत्प्रवाह, कार्बन उत्सर्जन के मानक निर्धारित किये थे। इसके अतिरिक्त पीसीबी की रेड सूची मे शामिल नर्सिंग होम/सरकारी अस्पताल भी इसके परिधि मे है। जिन्हें बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन नियम 2016 का अनुपालन करना है। बावजूद इसके बीडीए और क्षेत्रीय पीसीबी (प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय इंद्रा नगर,बाँदा) की मिलीभगत से शहर की रिहायशी बेशकीमती ज़मीनों को, कामर्शियल बिल्डिंग मल्टीप्लेक्स भवनों के बेसमेंट पर वी-मार्ट / माल या बाहरी सार्वजनिक पार्किंग को भूमाफिया भूखण्ड बनाकर बेचने मे लगें है। यह न सिर्फ एनजीटी के आदेशों की अवमानना है। बल्कि डीएम की अध्यक्षता मे गठित ओवर साइट कमेटी / भूगर्भीय जल संसाधनों के दोहन को बनी निगरानी समिति की भी अनदेखी है। जिसमें पूरा सिस्टम संलिप्त दिखाई देता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से इस पर त्वरित कार्यवाही करके शहरी भूमाफियाओं पर कड़ी कार्यवाही की मांग उठाई जाती है।