गर्मियों में फिट रहने के साथ ही बॉडी को एक्टिव रखना भी बहुत ही जरूरी है। योग से ये दोनों ही मुमकिन है। योग आप दिन में कभी भी कर सकते हैं बस खाना खाने के एक घंटे बाद तक न करें। साथ ही किसी बीमारी का शिकार हैं तो डॉक्टर से एक बार सलाह-मशविरा कर लेने के बाद ही इसे शुरू करें। आज हम उन योग आसनों के बारे में जानेंगे तो गर्मियों से राहत दिलाने के लिए हैं बेस्ट।
शीतली प्राणायाम
जैसा कि नाम से ही जाहिर है शीतली प्राणायाम आपको रखता है शांत और ठंडा। कई तरह के फायदों से भरपूर इस आसन को करना बहुत ही आसान है।
ऐसे करें
ध्यान की स्थिति में बैठें। पीठ को सीधा रखें। हाथों को घुटनों पर रखें और शरीर को ढीला छोड दें। अब अपनी जीभ बाहर निकालें। जीभ को दोनों ओर से इस तरह मोडें कि नाव सी बन जाए। अब इस नाव के जरिये सांस भीतर खींचें। हवा जीभ से अंदर जाकर मुंह व तालू को ठंडक पहुंचाएगी। अब जीभ को अंदर करें और सांस को नियंत्रित करते हुए धीरे-धीरे नाक के जरिये बाहर निकालें। शुरू में इस क्रिया को 10 बार तक दोहराएं। धीरे-धीरे इसे बढा सकते हैं और दिन में कभी भी कर सकते हैं।
शीतकारी प्राणायाम
गर्मियों में बॉडी के हर एक हिस्से को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है। तो शीतकारी प्राणायाम करके आप काफी हद तक इस जरूरत को पूरा कर सकते हैं।
ऐसे करें
पालथी मारकर या वज्रासन में बैठें। अपने ऊपर-नीचे के दंतों को आपस में मिलाएं। जीभ को मोड कर तालू से चिपका लें और अपने होंठ खोल लें, ताकि दांतों की दोनों पंक्तियां दिखाई दें। मुंह से इस तरह सांस अंदर खींचें कि वह दांतों के बीच से होकर गुजरे। इससे मुंह और फेफडों के भीतर तक ठंडक का अनुभव होगा। सांस को पूरा भरने के बाद मुंह बंद कर लें और धीरे-धीरे नाक से सांस बाहर निकालें। इस अभ्यास को 10 बार तक करें और जरूरत पडऩे पर दिन में दो-तीन बार कर सकते हैं।
नौकासन
गर्मियों में सुस्ती, बेचैनी और आलस्य भी बहुत ही आम समस्या है। तो इसे दूर करना बहुत ही जरूरी है तभी आप रोजमर्रा के काम फूर्ती से कर पाएंगे। यह शरीर के पूरे सिस्टम को ऐक्टिव रखने में कारगर है।
ऐसे करें
इसे बोट पोज भी कहते हैं। सांस अंदर खींचें। दोनों पैरों को सीधा मिला कर रखें। हाथों को पैरों की सीध में घुटने से मिला कर रखें। अब धीरे-धीरे अपने सिर और पैरों को एक साथ ऊपर की ओर उठाएं। पैर इतने उठें कि 45 डिग्री का कोण बने। सिर को भी ऊपर की तरफ उठाएं। अब धीरे-धीरे सांस छोडें और वापस लौटें। नौकासन से पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव पडता है। इसे पांच से दस बार करें।
पवनमुक्तासन
मसालेदार भोजन खाने में तो बहुत अच्छा लगता है लेकिन गैस और एसिडिटी की समस्या की वजह भी यही होता है। मुमकिन हो तो सादा भोजन करें जिससे एसिडिटी की समस्या दूर होती है और साथ ही फेफडे भी मजबूत होते हैं।
ऐसे करें
पीठ के बल सीधे लेट जाएं। दोनों घुटनों को मोडते हुए पेट के पास तक लाएं और अपने दोनों हाथों से घुटनों को दबाव देते हुए इस तरह पकडें कि पेट पर दबाव पडे। अब सिर उठाएं और अपनी ठोडी को घुटनों तक लाने की कोशिश करें। सांस को सामान्य गति से चलने दें। अगर पहली बार कर रहे हों तो सिर को उतना ही ऊपर तक उठाएं, जितना आसानी से हो सके।
हलासन
गर्मियों में पेट से जुड़ी प्रॉब्लम्स से ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। हलासन ऐसा आसन है जो पेट के साथ ही और कई तकलीफें दूर कर सकता है।
ऐसे करें
पीठ के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को पैरों की सीध में सीधे रखें। धीरे-धीरे फेफडों में सांस भरें। अब पैरों और हिप्स को ऊपर उठाएं। धीरे-धीरे पैरों को सिर की ओर ऐसे ले जाएं और इन्हें जमीन पर टच करें। डेढ-दो मिनट तक इसी अवस्था में रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोडते हुए वापस आएं। हलासन से एसिडिटी और गैस जैसी समस्याओं में बहुत राहत मिलती है।