यदि आपका बच्चा वैन या बस से स्कूल जा रहा है तो आप सचेत हो जाइए। स्कूल बसों और वैन के दुर्घटनाग्रस्त होने के लिए हर कोई एक दूसरे पर जिम्मेदार डालने के लिए तैयार है।
शहीद पथ पर शुक्रवार को स्कूली वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने व बच्चों के अस्पताल पहुंचने के लिए पुलिस, आरटीओ, स्कूल प्रशासन, अभिभावक… सब जिम्मेदार हैं। इनकी लापरवाही का ही नतीजा है कि राजधानी में प्राइवेट वाहनों से लेकर ई रिक्शा तक में स्कूली बच्चों को ढोया जा रहा है। उधर, जिम्मेदार आंखें मूंदे हैं।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के निर्देश पर बीते महीने स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया गया। इसके खत्म होते ही प्राइवेट कार, ऑटो, ई रिक्शा फिर से सड़कों पर आ आए। शहीद पथ पर बच्चों को स्कूल लेकर जाते वक्त पलटी वैन प्राइवेट कार की श्रेणी में पंजीकृत थी, जिसका व्यावसायिक इस्तेमाल हो रहा था। आरटीओ प्रवर्तन को ऐसे वाहनों पर नकेल कसनी चाहिए थी। वहीं, अभिभावक भी बगैर जांच-पड़ताल के प्राइवेट वाहनों, ई रिक्शा जैसे असुरक्षित वाहनों से बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं। परिवहन विभाग के अफसरों का आरोप है कि ऐसे वाहनों की चेकिंग के दौरान पुलिस सहयोग नहीं करती।