राजस्थान की महिला मंत्री ने उजागर कर दी रेप पीड़िता की पहचान, सोशल साइट पर डाली तस्वीरें

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की महिला मंत्री ने देशभर को झकझोर देने वाले अलवर गैंगरेप प्रकरण की पीड़ित की पहचान उजागर कर दी है। वहीं, इस मामले में पुलिस अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तारी हो चुकी है। चौथा आरोपी बुधवार रात को पकड़ा गया है।

पीड़िता के घर पहुंची थी ममता भूपेश

पीड़िता की पहचान महिला एवं बाल विकास मंत्री व अलवर की प्रभारी मंत्री ममता भूपेश ने उजागर की है। दरअसल, बुधवार को मंत्री भूपेश पीड़िता के परिवार को सांत्वना देने के लिए उसके घर पहुंची थी। इसके बाद मंत्री ने वहां की तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट कर दी, जिसमें मंत्री के साथ बैठे लोग और पीड़ित के घर दिखाई दे रहे थे। हालांकि मंत्री ने कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया के उस पेज से वह पोस्ट हटा दी। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार फिर मंत्री ने सफाई दी कि पीड़िता के परिवार वाले एडीएम को कुछ कागज पेश कर रहे थे। उनकी वो तस्वीरें सोशल साइट पर किसने डाली इसकी जानकारी नहीं है।

दो साल की सजा का प्रावधान

बता दें कि दुष्कर्म के मामलों में पीड़िता की पहचान उजागर करने पर दो साल की सजा हो सकती है। आईपीसी में प्रावधान है कि पीड़िता की पहचान उजागर करना दंडनीय अपराध है। अलवर के एडवोकेट अभिमन्यु सिंह की मानें तो कानून के मुताबिक बलात्कार पीड़िता की पहचान को प्रकाशित नहीं किया जा सकता। यह अपराध है। इसी तरह आइटी एक्ट के अनुसार भी पीड़िता की पहचान उजागर करना अपराध है। जिसमें भी जुर्माना व सजा का प्रावधान है।

पीड़िता ने बयां की जुल्म की वो दास्तां

पीड़िता व उसके पति ने मीडिया से बातचीत में 26 अप्रैल की उस खौफनाक वारदात को बयां किया तो हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए। उन्होंने बताया कि हमारी शादी 3 साल पहले हुई थी। गौना नहीं होने के कारण पत्नी थानागाजी में अपने मायके ही रह रही थी। 26 अप्रैल को अपराह्न करीब 3 बजे बाइक पर सवार होकर हम शॉपिंग करने जा रहे थे। मोटरसाइकिल पर सवार होकर आ रहे थे। दो मोटरसाइकिलों पर सवार पांच युवक हमारा पीछा कर रहे थे, मगर हमें उन पर शक नहीं हुआ। फिर रेत टीले आए तब उन्होंने अचानक मोटरसाइकिल की स्पीड बढ़ा दी और हमारी मोटरसाइकिल के आगे लगाकर हमें रोक लिया। मारपीट शुरू कर दी। गर्दन पकड़कर सड़क से दूर टीलों में ले गए। हम दोनों पति-पत्नी रहम की गुहार लगाते रहे और वो पांचों हैवानियत दिखाते रहे। हमारा वीडियो बनाते रहे। मारपीट के बाद हमारे कपड़े उतार दिए। फिर पति की आंखों के सामने ही उसकी पत्नी से गैंगरेप किया।

जितना उतना रोका उन्होंने उतनी ही दरिंदगी दिखाई

पीड़िता ने बताया कि उसने आरोपियों को रोकने की पूरी कोशिश की, मगर जितना उतना रोका उन्होंने उतनी ही दरिंदगी दिखाई। करीब तीन घंटे तक चले पूरे घटनाक्रम में पांचों युवकों ने उसके कई बार गैंगरेप किया। शोक करने पर दोनों का मुंह दबा दिया था। इस दौरान आरोपियों ने अपने मोबाइल से उनके 11 वीडियो बनाए और फिर वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने और पति-पत्नी को जान से मारने की धमकी छोड़ दिया।

Like us share us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

राजस्थान की महिला मंत्री ने उजागर कर दी रेप पीड़िता की पहचान, सोशल साइट पर डाली तस्वीरें

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की महिला मंत्री ने देशभर को झकझोर देने वाले अलवर गैंगरेप प्रकरण की पीड़ित की पहचान उजागर कर दी है। वहीं, इस मामले में पुलिस अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तारी हो चुकी है। चौथा आरोपी बुधवार रात को पकड़ा गया है।

पीड़िता के घर पहुंची थी ममता भूपेश

पीड़िता की पहचान महिला एवं बाल विकास मंत्री व अलवर की प्रभारी मंत्री ममता भूपेश ने उजागर की है। दरअसल, बुधवार को मंत्री भूपेश पीड़िता के परिवार को सांत्वना देने के लिए उसके घर पहुंची थी। इसके बाद मंत्री ने वहां की तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट कर दी, जिसमें मंत्री के साथ बैठे लोग और पीड़ित के घर दिखाई दे रहे थे। हालांकि मंत्री ने कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया के उस पेज से वह पोस्ट हटा दी। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार फिर मंत्री ने सफाई दी कि पीड़िता के परिवार वाले एडीएम को कुछ कागज पेश कर रहे थे। उनकी वो तस्वीरें सोशल साइट पर किसने डाली इसकी जानकारी नहीं है।

दो साल की सजा का प्रावधान

बता दें कि दुष्कर्म के मामलों में पीड़िता की पहचान उजागर करने पर दो साल की सजा हो सकती है। आईपीसी में प्रावधान है कि पीड़िता की पहचान उजागर करना दंडनीय अपराध है। अलवर के एडवोकेट अभिमन्यु सिंह की मानें तो कानून के मुताबिक बलात्कार पीड़िता की पहचान को प्रकाशित नहीं किया जा सकता। यह अपराध है। इसी तरह आइटी एक्ट के अनुसार भी पीड़िता की पहचान उजागर करना अपराध है। जिसमें भी जुर्माना व सजा का प्रावधान है।

पीड़िता ने बयां की जुल्म की वो दास्तां

पीड़िता व उसके पति ने मीडिया से बातचीत में 26 अप्रैल की उस खौफनाक वारदात को बयां किया तो हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए। उन्होंने बताया कि हमारी शादी 3 साल पहले हुई थी। गौना नहीं होने के कारण पत्नी थानागाजी में अपने मायके ही रह रही थी। 26 अप्रैल को अपराह्न करीब 3 बजे बाइक पर सवार होकर हम शॉपिंग करने जा रहे थे। मोटरसाइकिल पर सवार होकर आ रहे थे। दो मोटरसाइकिलों पर सवार पांच युवक हमारा पीछा कर रहे थे, मगर हमें उन पर शक नहीं हुआ। फिर रेत टीले आए तब उन्होंने अचानक मोटरसाइकिल की स्पीड बढ़ा दी और हमारी मोटरसाइकिल के आगे लगाकर हमें रोक लिया। मारपीट शुरू कर दी। गर्दन पकड़कर सड़क से दूर टीलों में ले गए। हम दोनों पति-पत्नी रहम की गुहार लगाते रहे और वो पांचों हैवानियत दिखाते रहे। हमारा वीडियो बनाते रहे। मारपीट के बाद हमारे कपड़े उतार दिए। फिर पति की आंखों के सामने ही उसकी पत्नी से गैंगरेप किया।

जितना उतना रोका उन्होंने उतनी ही दरिंदगी दिखाई

पीड़िता ने बताया कि उसने आरोपियों को रोकने की पूरी कोशिश की, मगर जितना उतना रोका उन्होंने उतनी ही दरिंदगी दिखाई। करीब तीन घंटे तक चले पूरे घटनाक्रम में पांचों युवकों ने उसके कई बार गैंगरेप किया। शोक करने पर दोनों का मुंह दबा दिया था। इस दौरान आरोपियों ने अपने मोबाइल से उनके 11 वीडियो बनाए और फिर वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने और पति-पत्नी को जान से मारने की धमकी छोड़ दिया।

Like us share us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *