लखनऊ: हिंसा से पीड़ित महिलाओं को अल्प प्रवास (पांच दिवस), चिकित्सकीय सहायता, परामर्शी सेवायें, विधिक सहायता एवं पुलिस सहायता इत्यादि एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो जाएगा.
महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित वन स्टाप सेंटर का शुभारम्भ वित्तीय वर्ष 2016-17 में किया गया था.
वर्तमान में प्रदेश के सभी जनपदों में वन स्टाप सेंटर का संचालन किया जा रहा है.
मनोज कुमार राय ने बताया कि हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आवश्यक सेवायें प्रदान किये जाने के लिए प्रत्येक वन स्टाप सेंटर में प्रशासकीय कार्यों के लिए एक सेंटर मैनेजर व प्रशासक, परामर्शी सेवायें देने के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता, चिकित्सीय सेवाओं के लिए तीन पैरामेडिकल नर्स, कार्यालय में एक कप्यूटर आपरेटर-सह लिपिक तथा दो केसवर्कर की व्यवस्था की गयी है.
सभी जनपदों में वन स्टाप सेंटर का हो रहा संचालन
इसके अतिरिक्त इमरजेंसीं रिस्पॉस एवं रेस्क्यू सेवायें, पुलिस विभाग की डायल 112, स्वास्थ्य विभाग की डायल 108, 102 सेवाओं से सम्पर्क करते हुए प्रदान की जाती हैं. पुलिस विभाग से सम्पर्क कर पीड़िता की प्रथम सूचना रिपोर्ट अथवा शिकायत दर्ज करायी जाती है. पीड़ित महिला को न्याय दिलाये जाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के इम्पैनल्ड अधिवक्ताओं के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है.
मनोज कुमार राय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश के वन स्टाप सेंटरों में कुल 16,607 महिलाओं व बालिकाओं के मामले आये. जिसमें महिलाओं को यथावश्यक सहायता उपलब्ध कराई गई. गत वर्ष दिसम्बर 2020 तक लगभग 6,804 महिलाओं व बालिकाओं को सहायता उपलब्ध करायी गई है.