नई दिल्ली ,24 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हिस्सा लिया।
उनके साथ इस कार्यक्रम में बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ और शिक्षा मंत्री पोखरियाल भी शामिल हुए।
जामिया और ्ररू के बाद आज पीएम मोदी ने देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित किया।
विश्वविद्यालय के पदेन कुलाधिपति प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वभारती की 100 वर्ष यात्रा बहुत विशेष है।
विश्वभारती, माँ भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार है। भारत के लिए गुरुदेव ने जो स्वप्न देखा था,
उस स्वप्न को मूर्त रूप देने के लिए देश को निरंतर ऊर्जा देने वाला ये एक तरह से आराध्य स्थल है।
उन्होंने कहा कि विश्वविभारती के 100 वर्ष होना प्रत्येक भारतीय के गौरव की बात है। आज के दिन इस तपोभूमि का पुण्य स्मरण करने का अवसर मिल रहा है।
हमारा देश, विश्व भारती से निकले संदेश को पूरे विश्व तक पहुंचा रहा है। भारत आज इंटरनेशनल सोलर अलायंस के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में विश्व का नेतृत्व कर रहा है।
भारत आज इकलौता बड़ा देश है जो पैरिस समझौते के पर्यावरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के सही मार्ग पर है।
वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद के चिंतन में भी मुखर थी और ये धारा अंतर्मुखी नहीं थी। वो भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग रखने वाली नहीं थी।
उनका विजन था कि जो भारत में सर्वश्रेष्ठ है, उससे विश्व को लाभ हो और जो दुनिया में अच्छा है,
भारत उससे भी सीखे। आपके विश्वविद्यालय का नाम ही देखिए: विश्व-भारती यानी मां भारती और विश्व के साथ समन्वय।
उन्होंने आगे कहा, विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है।
ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है।