67वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों का एलान सोमवार को किया गया। कोरोना वायरस पैनडेमिक की वजह से पुरस्कार समारोह लगभग सालभर विलम्बित हो गया है। आम तौर पर नेशनल फ़िल्म समारोह का आयोजन 3 मई को किया जाता है, मगर पैनडेमिक की वजह से आयोजन टल गया था। दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में विजेताओं के नामों का एलान किया गया। फीचर फ़िल्म केटेगरी में 461 और नॉन फीचर फ़िल्म केटेगरी में 220 फ़िल्मों को शामिल किया गया है।
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की फ़िल्म ‘छिछोरे’ को बेस्ट हिंदी फीचर फ़िल्म घोषित किया गया है। नितेश तिवारी निर्देशित छिछोरे में सुशांत के साथ श्रद्धा कपूर, वरुण शर्मा, ताहिर राज भसीन ने मुख्य भूमिकाएं निभायी थीं। यह फ़िल्म 2019 में रिलीज़ हुई थी। यह फ़िल्म जीवन में कभी ना हार मानने का संदेश बेहद मनोरंजक ढंग से देती है।
बेस्टर एक्टर साझा रूप से मनोज बाजपेयी और धनुष को चुना गया। मनोज को ‘भोंसले’ और धनुष को ‘असुरन’ के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है। मनोज बाजपेयी का यह तीसरा राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार है। इससे पहले उन्हें ‘सत्या’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार दिया गया था। वहीं, ‘पिंजर’ में अभिनय के लिए मनोज बाजपेयी को स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड दिया गया था। तमिल एक्टर धनुष की भी राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों में चौथी उपस्थिति है। 2010 में धनुष आडुकलम के लिए बेस्ट एक्टर का पुरस्कार जीत चुके हैं। इसके बाद 2014 और 2015 में वो सह-निर्माता के रूप में नेशनल अवॉर्ड्स तक पहुंचे थे।
मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ़ झांसी’ और ‘पंगा’ के लिए कंगना रनोट को बेस्ट एक्ट्रेस चुना गया। कंगना का यह चौथा नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड है। उन्हें ‘फैशन’ के लिए सबसे पहले बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड प्रदान किया गया था। इसके बाद ‘क्वीन’ और ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस चुना गया था।
बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार संजय पूरन सिंह चौहान को बहत्तर हूरें के लिए चुना गया है।