@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा
- शुक्रवार को दुबई से जेल के कैप्टन का फरमान, टाइम पूरा हुआ शहजादी।
- बेटी के पिता शब्बीर और बुजुर्ग माँ की आंख से थम नही रहे आंसू।
- ऑडियो सुनकर भावुक हो गया हर शख्स, बेटी का परिवार जार-जार रोया अल्लाह रहम कर दे।
- आगरा के मूल निवासी दम्पति फैज और नदिया ने शहजादी पर बेटी की हत्या का केस दर्ज कराया था।
- सऊदी अरब अमीरात दुबई के सख्त कानून मुताबिक शहजादी को फांसी की सजा मुक़र्रर है।
बाँदा। बुंदेलखंड के ज़िला बाँदा क्षेत्र मटौंध थाना अंतर्गत ग्राम गोयरा मुगली निवासी बुजुर्ग शब्बीर की बेटी शहजादी के साथ साज़िश हुई या हकीकत ये तो परिवार ही बेहतर बतला सकता है। बावजूद इसके यह घटनाक्रम हर संवेदनशील आदमी के जेहन को टीश दे रहा है। मालूम रहे कि बाँदा के ग्राम गोयरा मुगली रहवासी शहजादी खबर लिखने के वक्त तक हो सकता है दुनिया को अलविदा कह चुकी हो। या नही भी !!!
लेकिन यह कड़वी सच्चाई है कि अब बेटी शहजादी का अंतिम वक्त मुकर्रर कर दिया गया है। सोशल मीडिया मे वायरल खबरों को पढ़कर हर इंसान दुःखी है। वहीं लड़की के घर परिवार मे आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। बीते शुक्रवार बेटी शहजादी की रुंधी आवाज मे बुजुर्ग मातापिता से टेलीफोनिक वार्ता मे वो खौफ साफ झलक रहा था जो अंतिम वक्त से कुछ घण्टे पहले सजायाफ्ता शख्स के सामने तैरने लगता है। बेटी शहजादी बार-बार बुजुर्ग मातापिता को समझा रही थी कि अब्बू अब दुश्मनी मत पालना, मेरे दुश्मन पर लिखाया मुकदमा वापस ले लेना, नही चाहिए दुश्मनी, बस सुकून चाहिए !! हो सकता है अब हम कभी बात न कर सकें !!
उधर पिता शब्बीर की रोती आवाज से शहजादी की गमगीन बुजुर्ग माँ का हाल बेहाल है। वह अल्लाह ताला से बेटी के लिए कुछ भी न कर पाने की लानत दे रही थी। वहीं बेटी मातापिता से कहती कोई बात नही अब्बू मुझे अल्लाह का हर फैसला मंजूर है। बतलाते चले कि बाँदा की इस लड़की को एक हत्या के मुकदमे पर दुबई के कानून मुताबिक फांसी की सजा हुई है। शुक्रवार को बेटी ने पिता को जब जेल से फोन किया तो बताया कि जेल कैप्टन ने उसको अन्य कैदियों से अलग तन्हाई कोठरी मे रख दिया है। साथ ही यह कहा है कि टाइम पूरा हुआ। अपनी अंतिम ख्वाहिश बतला दो, तो मैने परिवार से बातचीत की इक्षा जताई है। आज आपसे हो सकता है अंतिम मर्तबा बात कर पा रहीं हूं।
यहां यह बतलाना लाजमी है कि बेटी शहजादी (उम्र करीब 30 वर्ष ) आग मे जलने से दिव्यांग हो गई थी। उसका चेहरा जला फ़ोटो ही मीडिया मे वायरल है। वहीं इलाज के लिए वह आगरा शहर निवासी उजैर के परिचितों आगरा के बाशिंदे फैज और नदिया के संपर्क मे आई थी। शहजादी और उजैर सोशल साइट फेसबुक से परिचित थे। फिर इलाज का वास्ता देकर उजैर ने आगरा बुलाया और फैज व नदिया को सौंप दिया। नवंबर 2021 मे आगरा से दुबई पहुंची शहजादी का बीजा भी उन्ही लोगों ने बनवाया था। शहजादी के पिता शब्बीर कहते है कि दुबई पहुंची शहजादी को फैज और नादिया ने पहले उसको घर के कामकाज मे लगाया फिर अपनी बेटी की हत्या मे फंसा दिया था। मुकदमा अदालत मे चला जहां दोषी पाए जाने पर बेटी शहजादी को फांसी की सजा दी गई है।
नीचे यूट्यूब वीडियो लिंक पर बातचीत का ऑडियो सुने
https://youtu.be/aAWHxHZtOM0?si=QIq7B3rdLCy34cGA
बकौल पिता शब्बीर शहजादी बाँदा मे किसी एनजीओ मे काम करती थी। वह शुरू से कमेरी थी और खुद का खर्च चलाती थी। एक हादसे मे लड़की आग से जल गई। उधर सोशल मीडिया ने उसकी दोस्ती आगरा निवासी उजैर से करा दी थी। वहीं से बेटी की ज़िंदगी मे दुखों का नासूर किस्मत का दर्दनाक हिस्सा बन गया। आज बेटी के फोन से रोकर परिवार बहुत व्यथित व सदमे मे है। उल्लेखनीय है कि कुछ माह पहले बाँदा मीडिया ने इस मामले को उठाया था जिस पर कई पत्राचार केंद्र सरकार व विदेशी दूतावास हुये और भारत सरकार ने कार्यवाही का भरोसा दिया था। लेकिन शुक्रवार के फोन से हर उम्मीद मायूसी मे तब्दील हो चुकी है।