दिल्ली में अमित शाह से मिलीं अनुप्रिया तो लखनऊ में अखिलेश यादव से बहन पल्लवी ने की भेंट | Lucknow Latest News

उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर क्षेत्रीय दल भी अपना कील-कांटा दुरुस्त करने में लग गए हैं। मीरजापुर से सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने गुरुवार को नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की तो शुक्रवार को उनकी बहन और अपना दल की उपाध्यक्ष पल्लवी पटेल ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी अपना दल कृष्णा गुट को कुछ सीटें दे सकती है।

Adityanath losing control, Lucknow-Delhi tension signals new crisis: Akhilesh  Yadav | India News,The Indian Express

अनुप्रिया के नई दिल्ली में भाजपा के साथ बैठक करने के एक दिन बाद यानी शुक्रवार को अपना दल कृष्णा गुट की उपाध्यक्ष पल्लवी पटेल ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भेंट की। इनके बीच करीब 45 मिनट की बातचीत से आभास होने लगा है कि समाजवादी पार्टी अब अपना दल कृष्णा गुट को कुछ सीट भी दे सकती है। अनुप्रिया पटेल दूसरी बार मिर्जापुर से सांसद हैं। कृष्णा पटेल की पार्टी का कोई भी विधायक या सांसद नहीं है।

अपना दल में इन दिनों मचे घमासान में समाजवादी पार्टी भी कूद पड़ी है। सपा के कदम बढ़ाने से अब कृष्णा और पल्लवी पटेल खुलकर अखिलेश यादव के साथ हो गई हैं। पल्लवी पटेल की आज अखिलेश यादव के साथ भेंट को उत्तर प्रदेश में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम बताया जा रहा है। पल्लवी पटेल आज कृष्णा पटेल का संदेश लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलीं। इनके बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा भी हुई। इस राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर उत्तर प्रदेश में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर इनके बीच यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।

अखिलेश से हुई अपना दल की नेता पल्लवी पटेल की मुलाकात से एक बड़ी बात निकलकर सामने आयी है। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव अपना दल को कुछ सीटें दे सकते हैं और यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में दोनों दल एक साथ आ सकते है।

डॉ. सोनेलाल पटेल की मौत के बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल वाराणसी के रोहनिया विधानसभा की विधायक बनीं। उसके बाद अनुप्रिया ने भाजपा से नजदीकी बढ़ा ली। 2014 में मोदी लहर में वह मिर्जापुर की सांसद बनीं और धीरे-धीरे यहीं से पार्टी के टूटने की प्रक्रिया शुरू हो गई। देखते-देखते मां-बेटी में ऐसी दूरियां बढ़ीं कि मामला भारत निर्वाचन आयोग तक पहुंचा और आयोग को बड़ा फैसला लेना पड़ा और अपना दल मां बेटी के गुट में बंट गई।

कुर्मियों के बड़े नेता माने जाने वाले सोनेलाल पटेल के बाद अपना दल के दुकड़े हो गए। उनकी बड़ी बेटी अनुप्रिया पटेल केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री भी थीं। अपना दल सोनेलाल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल की पार्टी ने 2017 के विधानसभा के साथ 2014 तथा 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था। भाजपा 2022 के विधानसभा चुनाव में भी अपना दल सोनेलाल को कुछ सीट दे सकती है। अनुप्रिया पटेल भी इसी अभियान में लगी हैं और गुरुवार को वह जब अमित शाह के आवास पर पहुंची तो सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। इसको अपना दल का बड़ा कदम भी बताया जा रहा है। 

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