-19 दिसंबर 2024 बाँदा डकैती कोर्ट मे पेशी है, बी-डब्ल्यू वारंट है।
बाँदा। कल की ताजा खबर ये है कि राजाभाईया प्रमुख सचिव से मिलने गए थे। उधर पुलिस का मिशन शक्ति अभियान,नारी शक्ति आदि चल ही रहा है। मुकदमा अपराध संख्या 457/2022 नगर कोतवाली / न्यायालय वाद संख्या 06/2023 मे लगातार सम्मन की अनदेखी करने वाले ‘राजाभैया’ संचालक विद्याधाम समिति / चिंगारी का इसमे बीडब्ल्यू वारंट बाँदा दस्यु प्रभावित कोर्ट से जारी है। उधर बीते 17 दिसंबर 2024 को क्रमशः मुकदमा अपराध संख्या 0314/2024 व 0315/2024 मे मुख्य अभियुक्त राजाभैया जी को स्थानीय ब्यूरोक्रेसी, लोकल मीडिया, छद्म रूप से प्रगतिशीलता व चित्रकूट से समाज सेवा की गद्दी चलाने वाले एक भाई जी का आशीर्वाद प्राप्त है। वहीं दोनों पीड़िताओं के 161 व 164 के बयान तक अतर्रा थाने की कृपा से नही हो सके है। जिसमें एक पीड़िता विगत 17 दिसंबर से जिला अस्पताल मे भर्ती है। कानून व्यवस्था की इससे बेहतरीन बानगी और क्या हो सकती है।
कौन है शिव कुमार गर्ग उर्फ नन्ना –
शिव कुमार गर्ग उर्फ नन्ना राजाभैया का बेहद खासमखास आदमी है। वहीं चिंगारी / विद्याधाम समिति से जुड़ी अतर्रा ग्रामीण जरुआ चौकी की पीड़िता ने इन्ही को राजाभैया के साथ एफआईआर मे सह अभियुक्त बनाया है। गौरतलब है कि शिव कुमार गर्ग की भूमि पर ही अतर्रा- नरैनी मार्ग पर भाऊराम गर्ग का पुरवा मे विद्याधाम समिति एवं चिंगारी का मुख्य दफ्तर है। शिवकुमार गर्ग ने यह खेतिहर भूमि कागजात मे संस्था को दान स्वरूप दिखाई है लेकिन सुविधानुसार आपसी रिश्तों के मद्देनजर मूल्य भी लिया है। सूत्रधार बतलाते है कि संस्था के सभी कार्यक्रम मे प्रबंधन का काम शिवकुमार गर्ग उर्फ नन्ना ही देखते है। दोनों की एकदूसरे पर अटूट श्रद्धा है या यूं कहिये की अंधे समर्थक है। बकौल पीड़िता राजाभैया ब्लैक मनी को शिवकुमार गर्ग व उनकी पत्नी के खाते डालते है बाद मे वापसी कर लेते है। शिवकुमार को संस्था फंड से वेतन भी मिलता है। बढ़िया लाइसेंसी बंदूक से हनक दिखाते शिवकुमार गर्ग उर्फ नन्ना का विद्याधाम समिति व चिंगारी से तानाबाना ठीक उसी तरह है जैसे घुन और दीमक की जिगरी यारी। तस्वीर मे जो बुलेरो है वह राजाभैया की है यह गाड़ी भी संस्था के नाम है वहीं गाड़ी के आगे बंदूक ताने हुए शिवकुमार गर्ग खड़े है। सूत्रधार यह भी कहते है कि चित्रकूट रानीपुर भट्ट के एक भाई जी, बाँदा के एक प्रगतिशील खेतिहर सहित कुछ बड़े एनजीओ जिनकी केंद्र सरकार से लाइजनिंग एवं जनसंपर्क है हर बार वही बचाते है। क्योंकि बुंदेलखंड खाशकर बाँदा मे समाज सेवा की आड़ मे पब्लिक स्टंट से सरकारों को रिझाना, बाहरी फ़ंडरो को लुभाने की जबरदस्त ज़मीन तैयार होती है। राजाभैया के संस्था खाते, विगत 20 साल के एफसीआरए ( फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगल्यूशन एक्ट) से मिली धनराशि की ग्राउंड पर सीबीआई जांच माननीय मुख्यमंत्री योगी जी यदि करा दे तो उनकी सरकार को बदनाम करने वालों के चेहरे बेनकाब होंगे। खाशकर वो जो गांव-गांव मजबूत राशनकार्ड व्यवस्था पर घास की रोटी खिलाने का माद्दा रखते है। साल दर साल बाँदा को स्टंटबाजी से खोखला व समाजसेवा को पतिथ कर रहें है।