@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- आयुक्त ने टीम गठित करके चारों ज़िलों के डीएम को हर घर नल जल योजना के ग्राउंड ज़ीरो पर सत्यापन का आदेश दिया है।
- योजना का प्रारंभ वर्ष 2020-21 मे हुआ था। अब तक 710 मे से 677 ओवरहेड टैंक निर्माण के आंकड़े है। लगभग 86 फीसदी कार्य पूरा है।
- बुंदेलखंड के गांवों मे इस योजना से ग्रामीण जन को माकूल लाभ नही मिला है। इसकी बानगी बाँदा का ग्राम सांडी,उसरा डेरा, अमान डेरा, खपटिहा कला गांव से देखी जा सकती है।
- सूचना संसार ने टेस्टिंग के लिए सांडी मजरा अमान डेरा की बिटुलिया निषाद के घर जाकर देखा और उनसे बातचीत की है।
- सांडी के ही अंदर ओवरहेड टँकी बनी है लेकिन ग्रामीण बतलाते की विगत 2 साल से पाइपलाइन से पानी नही आया है। अमान डेरा मे इक्कादुक्का हैंडपंप के सहारे लोग वर्षभर पेयजलापूर्ति पर निर्भर है।
- राजनीतिक गलियारों मे भाषण के दरम्यान इस योजना के कसीदे पढ़े जाते है लेकिन जनप्रतिनिधियों ने विजयश्री के बाद इन निषाद बाहुल्य गांवो मे दर्शन नही दिए है।
बाँदा। केंद्र सरकार के जल जींवन मिशन की महत्वपूर्ण पेयजल योजना ‘हर घर नल जल योजना’ जिले मे वर्ष 2020-21 को वजूद मे आई थी। मंडल आयुक्त बाँदा ने बीते गुरुवार सभी चारों ज़िलों के डीएम को इस योजना मे शामिल गाँव की जमीनी हकीकत देखने का आदेश / सत्यापन कार्य पूर्ण करने को निर्देश दिया है। मंडल के 1679 गांवों इस योजना से पेयजल आपूर्ति की पड़ताल को टीम गठित करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि योजना से 2023 तक 2089 गांवों को पेयजलापूर्ति करनी थी। सरकारी आंकड़ों की तस्वीर से अलग गांव की जमीनी सच्चाई है। इस योजना से जहां ग्राम पंचायतों की सड़कें चौपट हुई वहीं नल की टोटियां पानी से वंचित है।
बाँदा के ग्राम सांडी मे दो साल से ओवरहेड टँकी ने गांव को पानी नही दिया है –
ज़िले की पैलानी तहसील के ग्राम सांडी का मजरा है अमान डेरा। यहां ग्रामीण बतलाते है कि पिछले दो साल से हम हैण्डपम्प के सहारे है। पाइपलाइन से पानी नही आया है। ओवरहेड टँकी पर ग्राम प्रधान का कारखास रहता है। जो पानी है भी वो उनके खेतों और चहेतों तक सिंचाई को चला जाता है। गांव की किसान बुजुर्ग बिटुलिया निषाद की यह तस्वीर है। उसके घर मे टोंटी तक नही है क्योंकि रुपया नही था। पाइपलाइन का पाइप घर के अंदर ठूठ बनकर लगा है। इसको दिखाते हुए वह कहती है कि दुई साल से गांव मा पानी नही आव है। सर्दी-गर्मी मा हैंडपंप के आसरे पानी भरैं का पड़त है। नेता ओट खातिर गांव मा आवत हवै। यही सूरतेहाल कमोबेश उसरा डेरा का है। वहां भी पाइपलाइन से पानी नही आता है। गांव की सविता निषाद, उमाकांत व अन्य किसानों की एक ही जुबान है कि गांव मे हर घर नल जल योजना की पाइपलाइन बेपानी है। गौरतलब है कि बड़ी ग्रामपंचायत खपटिहा कला मे सूचना संसार जब पहुंचा तो रणछोड़ दास इंटर कालेज से ग्राम पंचायत भवन-सचिवालय तक रस्ते मे पानी से महरूम लगे टोंटीदार नल सरकार के आंकड़ों को आइना दिखाने के लिए पर्याप्त है। जसपुरा, तिंदवारी क्षेत्र मे जहां इस योजना से गांव मे पाइपलाइन बिछी सड़के उखड़ी पर पानी अपवाद बन गया है। बड़ोखर खुर्द, नरैनी, अतर्रा, बबेरू और तिंदवारी भी देखने से स्पष्ट हो जाएगा। वहीं मंडल के अन्य जनपद महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट खाशकर मानिकपुर क्षेत्र मे इस योजना को परखना चाहिए। ताकि मंडल आयुक्त के निर्देश की सही जांच पूर्ण हो सके।
मंडल के आंकड़े-
चित्रकूट धाम मंडल मे हर घर नल जल योजना से पेयजलापूर्ति के आंकड़े बेहतरीन सजे है। इनको देखे तो बाँदा मे 645 ग्राम मे से 538 पर आपूर्ति है।, चित्रकूट मे 556 ग्राम मे से 317 पर आपूर्ति है।, हमीरपुर मे 463 ग्राम मे से 442 मे आपूर्ति है।, महोबा मे 425 मे से 382 मे योजना से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। आयुक्त ने एक पखवाड़े मे सत्यापन रिपोर्ट मांगी है। देखना होगा कि गांव-गांव टीम दौरे पर क्या अनुश्रवण करती है।