भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के डोमिनिका में पकड़े जाने के बाद एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक जब वह रोसिया के विनिसीटी के कैरेबियाई सागर में कुछ दस्तावेज नष्ट करके बहा रहा था, तभी उसे वहां के क्रिमिनल इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआइडी) के अफसरों ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि शातिर दिमाग वाले चोकसी ने अपनी गिरफ्तारी की एक अलग ही कहानी एंटीगुआ की पुलिस को सुनाई है। उसने दावा किया कि उसे उसकी महिला मित्र से मुलाकात के दौरान भारतीय अधिकारियों ने अपहृत किया था।
कैरेबियाई अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चोकसी के एंटीगुआ और बारबुडा से गायब होने का कारण उसकी क्यूबा भागने की कोशिश के तहत था। हालांकि यह सारा घटनाक्रम किसी हॉलीवुड फिल्म जैसा ही रहा। पुलिस के उसे गिरफ्तार करने के बाद पता चला कि इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया हुआ है। राइटअप्स24 की रिपोर्ट के मुताबिक चोकसी और उसके परिवार ने अपहरण की कहानी अपने वकीलों की सलाह पर गढ़ी थी। उसकी इस कहानी में मीडिया फंस गया और पंजाब नेशनल बैंक के 13500 करोड़ रुपये की धांधली के आरोपित चोकसी ने भारत प्रत्यर्पित होने से बचने के लिए पैंतरा चला। मेहुल चौकसी एक और आर्थिक अपराधी और भगोड़े नीरव मोदी का मामा है। उसने जनवरी, 2018 में ही एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी।
चौकसी के फैलाए इसी जाल के चलते उसे डोमिनिक की अदालत से तुरंत भारत प्रत्यर्पित नहीं किए जाने की छूट मिल गई है और मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है। इसलिए अदालती कार्यवाही में अभी और वक्त लग सकता है। इस बीच, शातिर मेहुल चौकसी ने अपनी रहस्यमयी महिला मित्र बारबारा जबारिका और भारतीय अफसरों गुरमीत सिंह और नरेंद्र सिंह के खिलाफ एंटीगुआ और बारबुडा पुलिस के समक्ष दर्ज शिकायत में कहा कि इन लोगों ने मिलकर उसे बंधक बनाया और इससे पहले बारबारा के सामने आठ या दस गुंडों ने उसे जमकर पीटा है। चोकसी ने आरोप लगाया कि बारबारा से वह नियमित रूप से मिलते थे।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि चोकसी के वकील विपक्षी दलों के साथ मिलकर न्यायपालिका पर दबाव बनाने में सफल रहे। अदालत ने एंटीगुआ से अवैध तरीके से डोमिनिका में प्रवेश करने की जगह वकीलों की इस दलील को मान लिया कि चोकसी को अगवा कर वहां लाया गया, जबकि सुबूतों से पता चलता है कि चोकसी क्यूबा भागने की पूरी तैयारी में था। फिलहाल चोकसी एंटीगुआ एवं बरबूडा का नागरिक है। पिछले हफ्ते एंटीगुआ से डोमिनिका में अवैध तरीके से प्रवेश करने पर उसे पकड़ लिया गया था।
चोकसी ने बताया कि उस बोट पर दो भारतीय, तीन कैरेबियाई नागरिक थे। उसमें से एक भारतीय अफसर ने उससे उसके विदेशी बैंक खातों का ब्योरा मांगा था। नाव में 15-17 घंटे बिताने के बाद उन्होंने कहा कि उसे डोमिनिका की नागरिकता मिल जाएगी। उसने आरोप लगाया कि उसके 1500 डालर नकद, रोलैक्स घड़ी भी उससे लूटकर बोट चलाने वाले को दे दी गई। उल्लेखनीय है कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को हजारों करोड़ रुपये की चपत लगाकर विदेश भागा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी भारत की पकड़ में आते-आते बच गया था। कैरेबियाई देश डोमिनिका में पकड़े गए चोकसी के खिलाफ सुबूतों का पुलिंदा लेकर एक भारतीय दल चार्टर्ड विमान से वहां पहुंचा था, ताकि उसे भारत लाया जा सके। डोमिनिका की अदालत से चोकसी को भारत लाए जाने से फिलहाल कुछ मोहलत मिल गई है। चोकसी पीएनबी के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अपने भांजे नीरव मोदी के साथ वांछित है।
23 मई को शाम पांच बजे उसी से डोमिनिका में मुलाकात के दौरान एंटीगुआ पुलिस होने का दावा करने वाले हट्कट्टे आठ या दस लोगों ने उसे जमकर पीटा। एंटीगुआ के सेंट जान पुलिस स्टेशन में लिखाई शिकायत में उसने आरोप लगाया है कि हमलावर उसे व्हीलचेयर पर बांधकर एक बड़ी बोट में साथ ले गए और इस दौरान उसकी महिला मित्र ने कोई मदद नहीं की। बल्कि उसका बर्ताव ऐसा था जैसे उसकी शह पर ही यह सब हो रहा था। डोमिनिक के एक निवासी हैरी बैरन ने बताया है कि चोकसी जब कैरेबियाई सागर में कुछ दस्तावेजों को गुपचुप तरीके से नष्ट करके बहा रहा था, तभी पुलिस चोकसी की ओर बढ़ी। इस पर घबराकर चोकसी भागने लगा और पुलिस को उस पर शक हुआ और वह उसके पीछे भागी। हांफते-कांपते भागने में चोकसी दो बार नीचे गिरा। इसी दौरान पुलिस ने उसे दबोच लिया। प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि उसे चोट भागते हुए गिरने से ही आई होगी। पहले पुलिस ने बीच पर ही उससे जमकर पूछताछ की और फिर उसे हिरासत में ले लिया।