तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाया गया किसान संगठनों का भारत बंद बेअसर रहा। सुबह 6 से शाम 4 बजे तक रहे बंद के दौरान कई राष्ट्रीय और राज्य हाईवे बंद रहे। कई रूट डायवर्ट करने पड़े। ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित रही। दिल्ली से जाने वाले कई ट्रेनें रद कर दी गईं। हरियाणा, पंजाब, बिहार, यूपी, राजस्थान और दक्षिण के कई राज्यों में भी बंद का कुछ असर दिखा लेकिन यहां राजनीतिक दलों की भागीदारी अधिक रही। दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर को शाम को खोल दिया गया। इस दौरान पूरे देश में सभी सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के साथ-साथ सार्वजनिक कार्यक्रम और अन्य कार्यक्रम बंद रहे। हालांकि, अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य सहित सभी आपातकालीन प्रतिष्ठानों और आवश्यक सेवाओं व व्यक्तिगत आपात स्थितियों में भाग लेने वाले लोगों को छूट रही। इस दौरान राकेश टिकैत ने दावा किया कि हमारा ‘भारत बंद’ सफल रहा। हमें किसानों का पूरा समर्थन मिला। हम सबकुछ बंद नहीं कर सकते क्योंकि हमें लोगों की आवाजाही का भी ध्यान रखना है। हम सरकार के साथ बातचीत को तैयार हैं लेकिन कोई बातचीत नहीं हो रही। आगे की रणनीति संयुक्त किसान मोर्चा बनाएगा।आइए जानतें हैं किस राज्य में क्या असर रहा…
दिल्ली- एनसीआर में लगा जाम, सड़कों पर बैठे किसान
सोमवार सुबह दिल्ली- एनसीआर में कई जगहों बंद की वजह सड़कों पर लंबा जाम दिखाई दिया। भारत बंद के मद्देनजर गाजियाबाद पुलिस ने गाजियाबाद और निजामुद्दीन को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे को बंद कर दिया था। वहीं नोएडा प्राधिकरण के पास किसान अपनी मांगों को लेकर भारी संख्या में इकट्ठा हुए और पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ा। वहीं हरियाणा के पलवल में किसानों ने दिल्ली-मथुरा नैशनल हाइवे जाम किया। बंद की वजह से दिल्ली-गुरुग्राम हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिला।
पंजाब, हरियाणा में दिखा भारत बंद का असर
भारत बंद का सबसे ज्यादा असर कहीं दिखा तो वह है पंजाब और हरियाणा। दोनों राज्यों में कई स्थानों पर किसानों ने राजमार्गों, सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और रेलवे ट्रैक पर बैठ गए, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कहा कि वह तीन विवादास्पद कानूनों के खिलाफ किसान यूनियनों के ‘भारत बंद’ के आह्वान के साथ खड़ी है। पंजाब में बंद के दौरान परिवहन सेवाओं को भी निलंबित कर दिया। ज्यादातर दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। जालंधर में कुछ किसानों ने रेलवे स्टेशन के पास दो ट्रेनों को रोक दिया। इसके चलते ट्रेन के यात्री काफी परेशान हुए।
यूपी- बिहार में दिखा बंद का कुछ असर
भारत बंद का असर यूपी-बिहार में कुछ जगह देखने को मिला लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। यूपी के कुछ जिलों में प्रदर्शन हुआ वहीं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा- संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को सपा का पूर्ण समर्थन है। वहीं बिहार में पटना समेत कुछ जिलों में आरजेडी के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते नजर आए। बिहार में महागठबंधन की पार्टियां राजद, कांग्रेस और वामदलों ने भी इस बंद को समर्थन दिया था। तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस आंदोलन में हम लोग किसानों के साथ हैं। महागठबंधन की सभी पार्टियां उनके साथ हैं। पटना में आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने भारत बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया।
राजस्थान में मिलाजुला असर देखने को मिला
राजस्थान के कृषि बहुल गंगानगर और हनुमानगढ़ सहित कुछ जिलों में बंद का असर दिखा। यहां प्रमुख मंडिया तथा बाजार बंद रहे। किसानों ने प्रमुख मार्गों पर चक्काजाम किया और सभाएं की। पंजाब के भी कई जिलों में बंद का असर देखने को मिला। यहां देवीदासपुर में अमृतसर-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया। इसका असर रेल यातायात पर भी पड़ा।
मध्य प्रदेश में नहीं दिखा भारत बंद का असर
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया था, लेकिन इसका मध्
य प्रदेश में असर नहीं दिखा। लगभग पूरे प्रदेश में रोज की तरह दुकानें खुली रहीं और लोग अपनी जरूरतों का सामान खरीदते रहे। जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, भोपाल समेत पूरे प्रदेश में प्रतिदिन की तरह कामकाज हुआ।