नयी दिल्ली संसद के मानसून सत्र का अगला और आखिरी सप्ताह सरकार के लिहाज से काफी अहम और महत्वपूर्ण होने जा रहा है। एक तरफ जहां विपक्षी दलों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में 8 अगस्त से चर्चा होनी है तो वहीं दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को सोमवार को राज्य सभा में पेश किया जाना है। सरकार अगले सप्ताह ही इस बिल पर राज्यसभा में चर्चा कराकर, इसे पारित भी करवाना चाहती है। इसके अलावा भी दोनों सदनों में कई महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा होनी है।
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी 10 अगस्त को इसका जवाब दे सकते हैं और विपक्ष की मांग पर उसी दिन इस पर वोटिंग भी करवाई जा सकती है।हालांकि, लोकसभा में भाजपा के अपने पास 301 सांसद हैं जो बहुमत के जादुई आंकड़े से कहीं ज्यादा हैं, लेकिन इसके बावजूद भाजपा यह चाहती है कि उसके सभी सांसद उस दिन सदन में मौजूद रहे।
वहीं राज्यसभा में भाजपा के पास सिर्फ 92 सांसद हैं। इसमें एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों, निर्दलीय, मनोनीत सांसदों और हाल ही में साथ आए एनसीपी (अजित पवार गुट ) के राज्य सभा सांसद प्रफुल्ल पटेल को मिलाने के बाद भी सरकार का आंकड़ा 110 तक ही पहुंचता है, जो कि बहुमत से काफी कम है। हालांकि, दिल्ली सरकार के अधिकारों से जुड़े विधेयक पर वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल के समर्थन के ऐलान से सरकार को थोड़ी राहत मिली है क्योंकि इन दोनों ही राजनीतिक दलों के पास राज्य सभा में 9-9 सांसद है और दोनों का समर्थन मिल जाने के बाद अब बिल का साथ देने वाले सांसदों की संख्या बढ़ कर 128 पहुंच गई है जो जरूरी बहुमत से कहीं ज्यादा है।
लेकिन इसके बावजूद सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है और इसलिए उसने अपने सांसदों की उपस्थिति को 100 फीसदी सुनिश्चित करने के लिए विशेष तैयारी की है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वयं इस तैयारी की कमान संभालते हुए शुक्रवार को दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी द्वारा नियुक्त किए गए सभी व्हिप के साथ बैठक की।
संसद भवन परिसर में पार्टी के दोनों सदनों के 30 से ज्यादा नेताओं (व्हिप) के साथ बैठक कर अगले सप्ताह सदन में पार्टी सांसदों की 100 फीसदी उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए जेपी नड्डा ने खास निर्देश दिए हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सभी व्हिप को यह निर्देश दिया गया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि पार्टी के सभी सांसद अगले सप्ताह सदन की कार्यवाही के दौरान सदन में मौजूद रहें। यहां तक कहा गया है कि अगर कोई सांसद बीमार है या अस्पताल में एडमिट है तो जरूरत पड़ने पर उन्हें सदन में लाने के लिए व्हील चेयर और एम्बुलेंस का भी इस्तेमाल किया जाए, लेकिन किसी भी तरह से सांसदों की 100 फीसदी उपस्थिति को सुनिश्चित किया जाए।