नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर शोषण का आरोप लगाते हुए धरना दे रहे खिलाड़ियों और पहलवानों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दर्ज की गई है। डब्ल्यूएफआई के चीफ बृजभूषण शरण ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख करते प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर आरोप लगाया है कि पहलवानों ने न्याय का मजाक बनाकर यौन उत्पीड़न कानूनों का पूरी तरह से दुरुपयोग किया है। अगर किसी खिलाड़ी का यौन उत्पीड़न हुआ है तो उसे पुलिस और अदालतों के माध्यम से कानून के अनुसार अपनी बात रखनी चाहिए।
समिति करेगी आरोपों की जांच
वहीं, सरकार की ओर से कहा गया है कि इस दौरान एक निगरानी कमेटी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच करेगी।
खिलाड़ियों ने लगाए गंभीर आरोप
बता दें कि हाल ही में ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया सहित प्रतिष्ठित पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करते हुए डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए थे। खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखते हुए शुक्रवार देर रात, सरकार से आश्वासन दिए जाने के बाद खिलाड़ियों ने अपना विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया और बृजभूषण को चार हफ्तों के लिए इस मामले से दूरी बनाकर रखने के लिए कहा गया है।
खिलाड़ियों पर की एफआईआर दर्ज करने की मांग
याचिका में विनेश फोगट, बजरंग पुनिया आदि सहित खिलाड़ियों के खिलाफ डब्ल्यूएफआई प्रमुख को इस्तीफा देने के लिए जबरन वसूली के तहत कथित रूप से कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की है।
बृजभूषण शरण के कुक ने दायर की है याचिका
याचिकाकर्ता के वकील शारिक संत प्रसाद ने याचिका दायर करने के बाद कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता विक्की है, जो सांसद बृजभूषण शरण सिंह के आधिकारिक आवास 21, अशोक रोड़ में रहता हैं और उनके रसोइए के रूप में काम करता है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों ने सार्वजनिक रूप से महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाकर बृजभूषण की छवि और सम्मान को धूमिल करने की कोशिश की है।