@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- सूक्ष्म लघु उद्योग / प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत सब्सिडी के साथ ऋण देने का प्रावधान है।
- ज़िला उद्यान विभाग इसका कर्ताधर्ता है लेकिन सरकार के मातहत अधिकारी बेईमानी की हद पार कर रहें है।
- बड़ोखर खुर्द,नवाब टैंक रोड पर स्थित ज़िला उद्यान विभाग मे किसानों एवं बेरोजगार युवाओं/महिलाओं के लिए प्रशिक्षण संचालन होते रहते है।
- बड़ोखर खुर्द के कुछ प्रगतिशील किसानों का यहां भी ठीक वैसे ही आधिपत्य है जैसे उप निदेशक कृषि विभाग मे रहता है।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्योग / प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना से छले गए पीड़ित लाभार्थियों मे आधा दर्जन लोग है जिसमें संदीप कुमार की कहानी दिलचस्प है।
- पीड़ित संदीप को 5 लाख का लोन दिलाने के लिए विभाग मे कार्यरत आउटसोर्सिंग भर्ती कर्मी शिवम द्विवेदी के जरिये कागजी कार्यवाही की गई।
- संदीप को 5 लाख मे डेढ़ लाख रुपया आज तक नही मिला लेकिन उसको तहसीलदार के हस्ताक्षर युक्त रिकवरी नोटिस ज़रूर मिल गया है।
- पीड़ित युवा/महिला सदमें मे है और जिला उद्यान अधिकारी से लेकर ज़िम्मेदार मंत्री तक सन्नाटा है।
बाँदा। बुंदेलखंड समेत सूबे मे कोरोना काल मे रोजगार पर चोट खाए बेरोजगार लोगों, युवाओं, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद मे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना एवं सूक्ष्म लघु उद्योग स्कीम का संचालन किया जा रहा है। मंडल के मुख्यालय बाँदा मे ज़िला उद्यान विभाग इसका प्रचारक व प्रसारक है। अर्थात कर्ताधर्ता यही विभाग है। भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों की मंशा है कि जनता मे आत्मनिर्भरता आए। किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार निरंतर प्रयासरत है। किंतु राज्य सरकार के सरकारी विभागों ने तो जैसे भ्रस्टाचार की सौगंध खाकर सेवा कार्य / नौकरी शुरू की थी। शायद कोई विभाग हो जहां बिना लेनदेन किसी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता होगा।
इस कड़ी में बाँदा ज़िला उद्यान विभाग के अधीनस्थ सूक्ष्म लघु उद्योगों की स्थापना को अक्सर प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं जागरूकता अभियान चलाए जाते है। किसानों एवं महिलाओं को उद्यान विभाग ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर होने के लिए स्वावलंबन की दृष्टि से ऋण लेने को प्रोत्साहित करती है। ग़ौरतलब है यह ऋण भी 35 फीसदी सब्सिडी पर मिलता है। लेकिन बाँदा ज़िला उद्यान विभाग मे आउटसोर्सिंग से भर्ती कार्मिक शिवम द्विवेदी का जलवा-जलाल कट रहा है। इस संदर्भ मे लगातार दो दिन से बाँदा के पत्रकार साथी अनवर रजा रानू पीड़ितों की आवाज बुलंद कर रहें है।
भ्रस्टाचार की पैबंद पर उद्यान विभाग-
सूक्ष्म लघु उद्योग / प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रमों की कमान संभाले ज़िला उद्यान विभाग ने किसानों एवं लोगों को ठगी के अभियान मे समेटने के लिए शिवम द्विवेदी को बैठाल रखा है। जनता की मानें तो उन्हें इस उद्यान विभाग मे सुविधा शुल्क दिए बिना कुछ नही मिलता है।
योजना से पीड़ित संदीप कुमार –
जिला उद्यान विभाग के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना / सूक्ष्म लघु उद्योग से फौरी तौर पर लाभान्वित संदीप कुमार के साथ जो छल हुआ उसको वो वीडियो बयान मे बेबाकी से बयान करते है। बकौल संदीप कुमार योजना के तहत आटा चक्की स्पेलर के लिए उद्यान विभाग ने 5 लाख रुपया ऋण दिलवाने के भरोसा दिया था। संदीप कुमार को 5 लाख रुपया मे 3.5 लाख रुपये ही दिए गए। डेढ़ लाख रुपया आज तक नही आया। पीड़ित ने कहा 1.5 लाख रुपया शिवम द्विवेदी ने रख लिए। शिवम द्विवेदी ही किसानों व लोगों को मीठी बातों मे उलझाकर ऋण के लिए आकर्षित करते है।
इनकी बैंकों से सांठगांठ है जैसे केसीसी लोन मे किसानों के साथ बैंक मित्र और बैंक मैनेजर की जुगलबंदी रहती है। इस आत्मनिर्भर योजना से पीड़ित संदीप कहतें है कि उन्हें 7 लाख रुपया का रिकवरी / आरसी नोटिस भेजा गया है। जिससे उनका परिवार अवसादग्रस्त है और उनके पास इतना रुपया चुकाने का रास्ता नही है। फिलहाल लोन की आंशिक धनराशि से संदीप ने आटा चक्की तो लगाई है लेकिन रिकवरी की नोटिस से हलकान है।
बांदा ज़िला उद्यान अधिकारी –
केशव राम चौधरी कहते हैं यदि ऐसा कोई मामला है तो कार्यवाही की जाएगी।
उद्यान मंत्री एवं स्वतंत्र प्रभार यूपी-
सूबे के उद्यान मंत्री एवं स्वतंत्र प्रभार मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने एक कार्यक्रम के दरम्यान बाँदा की मीडिया से पल्ला झाड़ते हुए जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेष निषाद के साथ कहा कि 3 साल के कार्यकाल मे उनके सामने ऐसा कोई मामला नही आया है। आप बतला रहे हैं तो जानकारी करके कार्यवाही होगी।
उधर स्थानीय रहवासी जलशक्ति मंत्री जी चुप ही रहे। मीडिया ने बीजेपी बुंदेलखंड कानपुर क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल से भी पूछा तो वे गोलमाल जवाब देकर चल दिये। संदीप पीड़ित हैं। उनकी बुजुर्ग माताजी परेशान हैं। अलबत्ता शिवम द्विवेदी सहित ज़िम्मेदार अधिकारी पर कब कार्यवाही होगी इसका उत्तर किसी के पास नही है। लेकिन ज़िला उद्यान विभाग बड़ोखर खुर्द और आसपास के मीडिया पपेट बन चुके प्रगतिशील मुट्ठीभर किसानों को लाभान्वित करवाने मे खुश रहते हैं। मुख्यमंत्री जी को इस विभाग की गहनता से जांच करवानी चाहिए।