बाराबंकी। विकास ख.ड दरियाबाद की सीमा से लगे सुआगाड़ा गांव की टिकैतनगर रोड पर स्थित बेशकीमती भूमि पर कब्जेदारी जारी है। एडीएम कोर्ट पर मामला विचाराधीन होने के बावजूद सेटिंग से मार्केट बनवाई जा रही है। बाहरी लोगों व आलीशान मकान होने के बावजूद अपात्रों के जुगाड़ से हुए 2013 में आवासीय पट्टे का मामला न्यायालय में विचाराधीन हैं। फरियादी के मुताबिक इस मामले में एडीएम ने दो दिन पूर्व तहसीलदार को यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश दिए थे। जिस पर तहसीलदार ने कोई अमल नहीं किया। एडीएम के दूरभाष पर दिए गए फरमान का कोई अमल न होने से पीड़ित निराश है। बतातें हैं कि अपात्र लोग आवास के नाम से पट्टे की भूमि पर माफियाओं से मिलकर कब्जेदारी के प्रयास में तेजी से लगे हैं। कार्य युद्धस्तर पर जारी है। सबसे रोचक बात यह है कि जिस गांव की भूमि है, वहां के एक भी व्यक्ति को न तो पट्टा दिया गया था, न ही पट्टे पर 7 वर्षों से कोई काबिज हुआ। कारण हैं जिन लोगों को आवासीय पट्टा मिला है, उनके पहले से मकान मौजूद हैं, तो कुछ लोग दूसरे जिले के भी हैं। इस मामले में तहसील प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं। आखिर प्रशासन करोड़ों की संपत्ति के मामले में खमोश क्यों? यह य{ा प्रश्न लोÛो के दिलों में कौंध रहा है और लोÛ तरह तरह की चर्चा,ं कर रहे है, कोई मिली भÛत का आरोप लÛा रहा तो अन्य तरह की चर्चा,ं भी चरम पर है।