कोरोना की दूसरी लहर से राजधानी के व्यापारियों को दो माह में करीब 3920 करोड़ का नुकसान हुआ है। कपड़ा, सर्राफा, इलेक्ट्रानिक, मेटल, कास्मेटिक्स, स्टेशनरी, कुल्फी बाजार हो या फिर वाहन मार्केट एवं अन्य सभी ट्रेडों का कारोबार प्रभावित हुआ है। लखनऊ से होने वाले आसपास के दो दर्जन जिलों के बीच होने वाला व्यापार लडख़ड़ा गया है। गोदामों और शोरूम में करोड़ों का माल बंद पड़ा है। व्यापारी सहालग के बचे दिनों को देख अब जल्द से जल्द लाकडाउन खुलने की बाट जोह रहे हैं।
धनराशि (करोड़ में)- वस्तु
- 600 – एसी-फ्रिज एवं इलेक्ट्रानिक बाजार
- 100 – फालूदा कुल्फी, लस्सी, आइसक्रीम व अन्य
- 500 – स्टेशनरी
- 800 – कपड़ा, होजरी, लहंगा, साड़ी, शेरवानी
- 500 – सर्राफा बाजार
- 100 – अक्षय तृतीया पर सर्राफा
- 300 – मोबाइल और लैपटॉप बाजार
- 20 – वाहन बाजार (12,328 वाहन बंद रहे शोरूम में)
- 500 – मेटल बाजार
- 100 – कास्मेटिक्स
- 400 – चूड़ी, श्रृंगार, गृह उपयोगी वस्तुओं एवं अन्य
कुल- 3920 करोड़
कोरोना का वक्त कारोबार के लिए काफी नुकसानदायक रहा। होली से पहले सहालग को लेकर की गईं सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। दो माह कारोबार पर भारी पड़े। करीब चार हजार करोड़ का बाजार प्रभावित हुआ है।
– अशोक मोतियानी, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश कपड़ा व्यापार मंडल
व्यापारी पर दोहरी मार पड़ी। कारोबार तो चौपट हुआ ही, व्यापारी को बिजली का बिल, हाउस टैक्स, वाटर टैक्स समेत विभिन्न टैक्स देने पड़े। करीब चार हजार करोड़ का व्यापार प्रभावित रहा।
अमरनाथ मिश्र, वरिष्ठ महामंत्री, लखनऊ व्यापार मंडल
कोरोना ने व्यापार को इस कदर संक्रमित किया कि व्यापारी इसकी मार से महीनों नहीं निकल पाएंगे। हजारों करोड़ की चपत लगी है। सहालग बीतने को है। बाजार बंद हैं। अगर जल्द न खुले तो शेष सहालग भी निकल जाएगी।
– संजय गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष आदर्श व्यापार मंडल
व्यापार पर कोरोना ने ब्रेक लगा दिया है। अब सरकार की ओर व्यापारी आस भरी नजरों से देख रहे हैं। बिजली, पानी और हाउस टैक्स सरीखी मांगें व्यापारी कर रहे हैं।