पार्किंग की जगह न होने से भी परेशान हैं रिक्शा चालकएसोसिएशन करेगा ट्रैफिक पुलिस के साथ बैठकबोर्डिंग और डी बोर्डिंग प्वाइंट बनाए जाने पर होगा मंथन
लखनऊ(आरएनएस ) राजधानी में ताबड़तोड़ चालान कटने से शहर में ऑटो और ई रिक्शा चालक परेशान हैं। जैसे ही वह शहर के किसी भी इलाके में वाहन खड़ा कर यात्रियों को बिठाते या उतारते हैं, उनका चालान कर दिया जाता है। ऑटो चालकों के अनुसार सभी चालान में एक ही कारण बताया गया है। ऑटो चालकों और ई रिक्शा चालकों के चालान जब उनके पास पहुंचते हैं तो उन पर खतरनाक ढंग से पार्किंग किए जाने की गलती लिखी रहती है। इस मामले में लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी जल्द ही ट्रैफिक पुलिस के साथ बैठक कर अपनी समस्याओं से अवगत कराएंगे। एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार जब राजधानी में कहीं बोर्डिंग और डी बोर्डिंग प्वाइंट ही नहीं है तो भला वह यात्रियों को कहां ले और कहां छोडे, इसकी तस्वीर साफ नहीं है।
जानकारी के मुताबिक ऑटो और ई रिक्शा संचालकों के अनुसार तकरीबन तीन साल पहले ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम ने विभिन्न इलाकों में बोर्डिंग और डी बोर्डिंग प्वाइंट के लिए कई जगहें चिन्हित की थी। इन जगहों से यात्रियों को उतारने और बिठाने की बात भी की गई। तकरीबन 72 से अधिक प्वाइंट चिन्हित किए गए थे। लेकिन इस सभी की सहमति नहीं बन सकी थी। ऐसे में ऑटो और ई रिक्शा चालक रास्ते में कहीं भी यात्री बिठाने और उतारते हैं। उनसे यह कहा गया है कि वह किसी भी चौराहे से 50 मीटर की दूरी पर ही यात्री उतारेंगे या बिठाएंगे। ऑटो चालक अब किसी चौराहे पर नहीं रुकते हैं। इसके बावजूद दनादन चालान हो रहे हैं। किसी भी चालान में चौराहे का उल्लेख नहीं होता है। बस रोड पर खड़े ऑटो की फोटो होती है और खतरनाक ढंग से पार्किंग का जिक्र होता है। एक –दो बार चालान से ड्राइवर परेशान नहीं होते हैं। लेकिन जब महीने में 15 चालान भरने पड़ेंगे तो ऑटो चालकों की बचत क्या होगी। उनकी सारी कमाई तो जुर्माना भरने में चली जाएगी। इसी के चलते जल्द ही ट्रैफिक पुलिस के साथ बैठक की जाएगी।