बचपन में ज्यादा मीठा खाने से जा सकती है याददाश्त, चूहों को आई दिक्‍कत, शोध में हुआ खुलासा | Latest news

मधुमेह और दांतों के सड़ने की समस्या से तो हम सभी परिचित हैं, लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि अगर बचपन में मीठे पेय पदार्थ का ज्यादा सेवन किया जाए तो याददाश्त भी जा सकती है। यह अध्ययन ‘ट्रांसलेशन साइकेट्री’ में प्रकाशित हुआ है।

पहली बार इस अध्ययन में यह बताया गया है कि ज्यादा मीठा खाने से गट माइक्रोबायोम में क्या विशेष परिवर्तन होते हैं और यह कैसे मस्तिष्क के किसी विशेष हिस्से को प्रभावित करता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक मीठा पेय पदार्थ अमेरिकियों की जीवनशैली का प्रमुख हिस्सा है। दो-तिहाई अमेरिकी पूरे दिन में एक बार जरूर मीठा पेय पदार्थ पीते हैं।

One week of unhealthy eating could 'damage a part of the brain which  normally stops us eating MORE' | Daily Mail Online

यूएससी डॉर्नसाइफ कॉलेज ऑफ लेटर्स, आ‌र्ट्स एंड साइंस में बायोलॉजिकल साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर स्कॉट कनोस्की ने आहार और मस्तिष्क के बीच संबंधों का वर्षो तक अध्ययन किया। उनके द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि मीठा पेय पदार्थ ना केवल चूहों में याददाश्त को बाधित करता है, बल्कि गट माइक्रोबायोम में भी परिवर्तन करते हैं। यूसीएलए, कनोस्की और यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए वर्तमान अध्ययन में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या माइक्रोबायोम और याददाश्त में परिवर्तन के बीच सीधा संबंध मौजूद है।

अध्ययन के दौरान विज्ञानियों ने किशोर चूहों को मीठा पेय पदार्थ पीने की खुली छूट दी। जब यही चूहे एक महीने बाद वयस्क हो गए तो शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग तरीकों का उपयोग करके उनकी याददाश्त का परीक्षण किया। पहली विधि में मस्तिष्क के उस क्षेत्र से जुड़ी याददाश्त का परीक्षण किया गया, जिसे हिप्पोकैंपस कहा जाता है। दूसरी विधि में मस्तिष्क के उस क्षेत्र से जुड़ी याददाश्त का परीक्षण किया जिसे पेरिहाइनल कॉर्टेक्स कहते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि पानी पीने वाले चूहों की तुलना में अधिक मात्रा में मीठा पेय पदार्थ पीने वाले चूहों में याददाश्त की दिक्कत दिखाई दी।

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