खुफिया दस्तावेजों से हुआ चीन के डिटेंशन कैंप का खुलासा

पेइचिंग। चीन के डिटेंशन कैंप में शिनजियांग प्रांत के 80 लाख उइगुर मुसलमानों को कैद कर रखा गया है। पेइचिंग के एक खुफिया दस्तावेज में यह जानकारी दी गयी है। चीन इनका जीवन बेहतर बनाने के नाम पर यह कृत्य कर रहा है।
खुफिया दस्तावेज में बताया गया है कि चीनी सरकार अपनी सक्रिय श्रम और रोजगार नीतियों के माध्यम शिनजियांग के लोगों के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन को बेहतर बना रही है। इस दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि लगभग 8 मिलियन (80 लाख) मुसलमानों को अलग-अलग चीन के डिटेंशन कैंप में रखा गया है।
‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, शिनजियांग में उइगुर और अन्य समुदायों के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बड़े पैमाने पर डिटेंशन सेंटर को चला रही है। इन कैंप्स में चीन राजनीतिक असंतोष को दबाने का काम करता है। इसके अलावा उइगुर मुसलमानों को प्रताड़ित करने का काम भी किया जा रहा है। चीन सरकार इसे व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र का नाम दे रही है।
चीन के डिटेंशन कैंप से भाग निकली थी मिहरिगुल तुर्सुन
शिनजियांग की 29 साल की महिला मिहरिगुल तुर्सुन ने अमेरिकी राजनेताओं को बताया कि वह 2018 में चीन के डिटेंशन कैंप से भाग निकली थीं। उन्होंने राजनेताओं से बातचीत में कहा कि इस कैंप में चीनी अधिकारी इतनी यातनाएं देते थे कि मन करता था कि इसकी बजाय मैं मर जाऊं या उनसे अपनी मौत की भीख मांगूं।
एक और सर्वाइवर कायरात समरकंद ने कहा कि उन्हें प्रताडि़त करने के लिए धातु का बना बख्तरबंद पहनाया जाता था। वे मुझ पर उसे पहनने के लिए दबाव डालते थे। चीनी सैनिक उसे मेटल सूट कहते थे। 50 किलो के इस सूट को पहनने के बाद मेरे हाथ और पैर काम करना बंद कर देते थे। मेरे पीठ में भी भयंकर दर्द होता था।
डिटेंशन कैंप को प्रशिक्षण केंद्र कहते हैं नेता
हालांकि चीनी नेता इसका खंडन करते हैं। वे चीन के डिटेंशन कैंप को व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र बताते हैं। चीन सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी शिनजियांग में 2014 से 2019 तक 415,000 उइगुर मुस्लिमों को कैद कर रखा गया था। इनमें से कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें एक से ज्यादा बाद कैद किया गया है। कुल मिलाकर अभी 8 मिलियन से ज्यादा लोग चीन के डिटेंशन कैंप्स में कैद हैं।
चीन के डिटेंशन कैंप में अत्याचार पर चुप हैं मुस्लिम देश
उइगुर मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर अभी तक किसी भी मुस्लिम देश ने चीन का खुलकर विरोध नहीं किया है। दुनियाभर के मुसलमानों के मसीहा सऊदी अरब, तुर्की और पाकिस्तान के मुंह से उइगुरों को लेकर आज तक एक शब्द नहीं निकला है। ये सभी देश इस मामले में पड़कर चीन की दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहते, जबकि धरती के दूसरे किसी भी हिस्से में मुसलमानों को लेकर इनका रवैया एकदम सख्त रहता है।
अमेरिका ने 9 जुलाई को उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था। अमेरिका ने पहले ही चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। कहा जा रहा है कि अमेरिका आगे भी कई अन्य चीनी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना रहा है।
मध्य एशिया में रहने वाले तुर्क समुदाय के हैं उइगुर
उइगुर मध्य एशिया में रहने वाले तुर्क समुदाय के लोग हैं जिनकी भाषा उइगुर भी तुर्क भाषा से काफी मिलती-जुलती है। उइगुर तारिम, जंगार और तरपान बेसिन के हिस्से में आबाद हैं। उइगुर खुद इन सभी इलाकों को उर्गिस्तान, पूर्वी तुर्किस्तान और कभी-कभी चीनी तुर्किस्तान के नाम से पुकारते हैं।
इस इलाके की सीमा मंगोलिया, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के साथ-साथ चीन के गांसू एवं चिंघाई प्रांत एवं तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से मिलती है। चीन में इसे शिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र (एक्सयुएआर) के नाम से जाना जाता है और यह इलाका चीन के क्षेत्रफल का करीब छठा हिस्सा है।