कृषि विधेयक को लेकर राज्यसभा में जोरदार बहस

तोमर बोले-ये विधेयक किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे

कृषि विधेयकों को लेकर राज्यसभा में जोरदार हंगामा।
कृषि विधेयकों को लेकर राज्यसभा में जोरदार हंगामा।

नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि सरकार किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाना चाहती है और उन्हें फसलों की बुआई के समय ही उसकी उचित कीमत का आश्वासन दिलाने का प्रयास कर रही है। तोमर ने तीन कृषि विधेयक पेश करते हुए कहा।

तोमर राज्यसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक 2020 पेश करते हुए कहा कि दोनों विधेयक ऐतिहासिक है जिन्हें लोकसभा पारित कर चुकी है।

कृषि मंत्री के विधेयक पेश करने के पूर्व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के. के. रागेश और छह अन्य सदस्यों ने इन विधेयकों से संबंधित अध्यादेशों को निरस्त करने के संकल्प पेश किया। इन विधेयकों में किसानों को मंडी से बाहर कहीं भी मनमानी कीमत पर अपनी फसलों की बिक्री की आजादी दी गई है ।

कृषि विधेयक में अनुबंध कृषि का प्रावधान

इसके साथ ही कृषि विधेयक में अनुबंध कृषि का प्रावधान किया गया है। इससे अधिक मूल्य मिलने वाली फसलों की खेती बढेगी और अत्याधुनिक कृषि तकनीक को बढावा मिल सकेगा।

तोमर ने कहा कि किसान अब अपनी मर्जी से फसलों की बिक्री कहीं भी कर सकेंगे। इसके साथ ही अधिक मूल्य मिलने वाली फसलों की खेती का विस्तार किया जा सकेगा । उन्होंने कहा कि किसानों को अब फसलों की बुआई के समय ही उसकी उचित कीमत का आश्वासन मिल सकेगा । पहले किसान मनचाहे स्थान और मूल्य पर अपनी फसल नहीं बेच सकते थे।

उन्होंने कहा कि कृषि उपज विपणन समिति (कृषि मंडी) से किसानों को न्याय नहीं मिलता था और इसमें पारदर्शिता नहीं थी । इन विधेयकों के माध्यम से किसानों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है। इसके साथ ही किसानों को फसलों की बिक्री के तीन दिन के अंदर ही उसकी कीमत की व्यवस्था की गयी है।

जारी रहेगी न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था

तोमर ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था जारी रहेगी । उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के दौरान भी कृषि सुधार से संबंधित ऐसी ही राय व्यक्त की गई थी। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों के पारित होने से किसानों के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव आएगा।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं चूकते हैं और रविवार को उन्होंने किसान संबंधी विधेयकों को लेकर हमला बोलते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को पूँजीपतियों का गुलाम बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा। कांग्रेस कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर हमलावर बनी हुई है। यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुके हैं और इन्हें आज राज्यसभा में पेश किया गया है।

कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन करते हरियाणा के किसान।
कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन करते हरियाणा के किसान।

‘कृषि विधेयक से किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रहे हैं मोदी’

वायनाड से सांसद कांग्रेस नेता ने आज ट्वीट कर कहा, मोदी सरकार के कृषि-विरोधी काले कानून से किसानों को कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी)किसान मार्केट ख़त्म होने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी) कैसे मिलेगा और एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं? मोदी जी किसानों को पूँजीपतियों का गुलाम बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा।

कांग्रेस ने आज राज्यसभा में आरोप लगाया कि सरकार किसानों से विचार विमर्श किए बिना कृषि सुधारों से संबंधित विधेयक लाई है और अनुबंध कृषि की व्यव्स्था से किसानों की जमीन पर कारपोरेट घरानों कब्जा हो जाएगा।

कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने कृषक उपज व्यापार वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के के रागेश एवं छह अन्य सदस्यों के इन विधेयकों से संबंधित अध्यादेशों को निरस्त करने के संकल्प पर एक साथ चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि अनुबंध कृषि से किसान अपनी जमीन से बेदखल हो सकते हैं और उनकी जमीन पर कारपोरेट घरानों का कब्जा हो जाएगा।

‘क्या कान के कच्चे हैं कैबिनेट मंत्री’

उधर, शिवसेना के सांसद संजय राउत ने हरसिमरत कौर के इस्तीफे पर तंज कसा। उन्होने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसपी और सरकारी खरीद की व्यवस्था खत्म नहीं की जाएगी। यह सिर्फ अफवाह है। तो क्या अकाली दल के मंत्री ने एक अफवाह पर भरोसा करके कैबिनेट से इस्तीफा दिया? ये इतने कच्चे कान के खिलाड़ी हैं कि सिर्फ अफवाह सुनकर एक मंत्री कैबिनेट से इस्तीफा दे देता है।

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