उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार के तीसरे तथा अंतिम विस्तार व फेरबदल की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि इसी महीने के अंतिम हफ्ते में विस्तार होगा। इसकी तारीख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फाइनल करनी है। 25 या 26 के साथ 30 जुलाई को भी विस्तार माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार में निषाद पार्टी के संजय निषाद को भी शामिल किया जा सकता है। भाजपा की नजर ब्राह्मण चेहरे पर भी है। ऐसे में जितिन प्रसाद की एंट्री भी मुमकिन है। उन्हेंं तो विधानपरिषद के जरिए मंत्रिमंडल में लाया जा सकता है। इनके साथ ही किसी महिला नेता को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जा सकती है।
जातीय गणित पर जोर
उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव दो देखते हुए भाजपा के साथ संघ का पूरा जोर जातीय गणित को साधने पर हैं। अब मंत्रिमंडल विस्तार के लिए जो सूची तैयार की गई है उसमें जातीय गणित का पूरा ध्यान रखा गया है। फिलहाल प्रदेश में मुख्यमंत्री के अलावा 22 कैबिनेट मंत्री, नौ 9 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री यानी कुल 53 लोग हैं। उत्तर प्रदेश की कैबिनेट में 60 लोग शामिल हो सकते हैं। अभी भी सात जगह खाली है। कैबिनेट के विस्तार में दलित, पिछड़ा वर्ग के साथ ब्राह्मणों को भी प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी विस्तार के लिए हरी झंडी दे दी है। भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह सोमवार को उनसे भेंट करने के बाद लखनऊ लौटे हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार के विस्तार में पांच से छह लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की जगह है। योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल का विस्तार भी उसी मॉडल पर किया जा सकता है, जैसे केंद्र में नरेंद्र मोदी कैबिनेट का हुआ है। इसमें भी जातीय, क्षेत्रीय समीकरण को देखने के साथ युवाओं को अधिक मौका दिया जा सकता है।