कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के गैर कानूनी तरीके से अडोप्शन (adoption) को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि अगर इस तरह की गतिविधि में कोई एनजीओ या व्यक्ति शामिल हैं तो उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने निर्देश दिया है कि ऐसा करने वाले व्यक्ति या एनजीओ के खिलाफ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कार्रवाई करें। आदेश में कहा गया है, ‘राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों को उन गैर सरकारी संगठनों/व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है जो बच्चों की गैर कानूनी अडोप्शन में लिप्त हैं। जुवेनाइल जस्टिस (जेजे) अधिनियम, 2015 के प्रावधानों के विपरीत प्रभावित बच्चों को गोद लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’