PM को लेकर चिराग ने इशारों में कही बड़ी बात, BJP से आहत हैं लेकिन नरेंद्र मोदी से अभी भी कुछ उम्‍मीद | Latest News Update

बिहार की सियासत में इन दिनों चिराग पासवान (Chirag Paswan) हॉट टॉपिक बने हुए हैं। दो-फाड़ हो चुकी उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अंदर वर्चस्‍व की जंग छिड़ी हुई है। अपने ही चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के गुट के खिलाफ उनको मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरह से अपने राजनीतिकअस्तित्‍व की जंग लड़ रहे चिराग आगामी पांच जुलाई से संघर्ष यात्रा शुरू कर रहे हैं। इस मामले में उन्‍हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) की चुप्‍पी खल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से भी कभी-कभी मोहभंग वाले बयान देने वाले चिराग को बीजेपी में उनपर भरोसा भी है। अब वे इशारों में उनसे मदद भी मांग रहे हैं।

With BJP in whatever decision it takes for Bihar Assembly polls: Chirag  Paswan - The Hindu

बीजेपी की चुप्‍पी से आहत चिराग पासवान

अपनी इस जंग में चिराग पासवान बीजेपी के व्‍यवहार से आहत हैं। उन्‍होनें कहा है कि उन्‍हें इसका दुख है कि जब संरक्षण व समर्थन की जरूरत है, तब वह नहीं मिल रहा है। चिराग ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी के हर फैसले का साथ दिया है। चाहे धारा 370 हो या ट्रिपल तलाक, एनआरसी हो या राम मंदिर, इन तमाम बड़े मुद्दों पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने केंद्र सरकार का विरोध किया। सीएए-एनआरसी पर तो नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में प्रस्ताव तक पारित करावाया था। लेकिन वे प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के हर फैसले के साथ खड़े रहे। चिराग ने कहा कि उन्‍होंने पूरी ईमानदारी से पीएम मोदी के हनुमान (Hanuman of PM Modi) की भूमिका निभाई है, अब बीजेपी को तय करना है ह‍ि उसे साथ देना है या नहीं।

इशारों-इशारों में मांगी पीएम मोदी से मदद

चिराग ने इशारों में ही पीएम मोदी से मदद भी मांगी। कहा कि आज हनुमान (चिराग पासवान) अकेले हैं तो राम (नरेंद्र मोदी) को साथ आना चाहिए। उम्मीद है कि आज नहीं तो कल, प्रधानमंत्री का संरक्षण जरूर मिलेगा। बीजेपी नेताओं की चुप्पी जरूर खल रही है, लेकिन जब हनुमान का वध हो रहा होगा तो राम खामोश नहीं रह पाएंगे

एलजेपी बचाने की करेंगे हर मुमकिन कोशिश

मीडिया से बातचीत में चिराग पासवान ने पार्टी तोड़ने के अपने चाचा पशुपति पारस को जिम्‍मेदार ठहराया। कहा कि पहले छोटे चाचा का निधन हुआ, फिर पिताजी (Ram Vilas Paswan) का। इसके बाद चाचा में बहुत परिवर्तन देखा। उन्होंने पार्टी को तोड़ने की कोशिश पिताजी के रहते भी किया था, लेकिन इस बार तो तोड़ ही दिया। अगर उन्हें अध्यक्ष या मंत्री बनने की इच्छा थी तो कहते तो सही। चिराग ने कहा कि उन्‍होंने तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनके साथ अपनों ने ही ऐसा धोखा किया है। लेकिन पिता की पार्टी और विरासत को बचाने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे।

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