बिहार में गंगा में शव फेंकने का दौर जारी, डोम ने मांगा 1 लाख रुपए, 2500 में बात बनी | Bihar Latest News

बिहार के भागलपुर जिले में सर्पदंश से मरे एक व्यक्ति के परिजनों ने स्थानीय निवासियों के विरोध के बावजूद रविवार को उसके शव को गंगा नदी में फेंक दिया. भागलपुर के कहलगांव प्रखंड में हुई इस घटना का स्थानीय लोगों ने वीडियो क्लिप बना लिया था. घटना इस प्रकार है कि बांका जिले के अपने पैतृक गांव नवादा बाजार में सांप के काटने से मिथिलेश कुमार की मौत हो गई. उनके परिवार के सदस्य उनके शव को भागलपुर के बरारी घाट ले गए, लेकिन घाट के डोम राजा ने उन्हें गंगा में फेंकने की अनुमति देने के लिए 1 लाख रुपये की मांग की. बिहार में एक परंपरा है कि सांप के काटने से मरने वाले व्यक्ति का अंतिम संस्कार केले के पेड़ के तने के साथ बांधकर शरीर को गंगा में डाल दिया जाता है.

Practice of bodies being dumped in rivers prevalent in UP, state official  tells Centre | India News,The Indian Express


 
परिवार के सदस्यों ने डोम राजा के साथ बातचीत की और बाद वाले ने 11,000 रुपये पर सहमति व्यक्त की, लेकिन उनके पास वह पैसा भी नहीं था, वे शव को भागलपुर शहर से लगभग 50 किमी दूर कहलगांव ले गए. उन्होंने कहलगांव घाट के डोम राजा के साथ 1,500 रुपये में बातचीत की और एक नाव मालिक से भी संपर्क किया और 2,500 रुपये का सौदा किया. फिर वे शव को गंगा के बीच ले गए. इसके बाद केले के पेड़ के तने से बांधकर नदी में फेंक दिया.

स्थानीय निवासियों ने दावा किया कि जब कोरोना संक्रमण चरम पर था तब जिलाधिकारी ने प्रत्येक श्मशान घाट पर एक न्यायिक मजिस्ट्रेट को तैनात किया था लेकिन एक जून से इन्हें वापस ले लिया गया.
 
टिप्पणी के लिए संपर्क करने पर कहलगांव पुलिस स्टेशन के ड्यूटी अधिकारी आरपी शर्मा ने कहा कि हमें इस मामले से संबंधित एक शिकायत मिली है और हम मृतक के परिवार से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. कोरोना की दूसरी गंभीर लहर के दौरान, बक्सर, भोजपुर, पटना और भागलपुर जैसे कई जिलों में लोगों ने बड़ी संख्या में शवों को गंगा में फेंक दिया गया था.

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