बृजेश शुक्ला –
सदियों पुरानी भारत अमेरिकी सम्बन्धों पर चरितार्थ हो रही है राष्ट्रपति ट्रम्प ने अमेरिका को मलेरिया -रोधी दवा हैड्रॉक्सिक्लोरोक्विन के निर्यात की स्वीकृति देने के प्रधानमंत्री मोदी के निर्णय के लिए भारत के प्रति आभार व्यक्त किया है ।उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि भारत की इस भावना को भुलाया नही जा सकता है ।उन्होंने कहा कि भारत का नेतृत्व न केवल भारत बल्कि मानवता को भी मदद कर रहा है । ट्रम्प ने बताया कि यह विशेष समय कोविड -19 के खिलाफ संघर्ष में वैश्विक सहयोग का है ।
गौरतलब है कि हैड्रॉक्सिक्लोरोक्विन मलेरिया उपचार में प्रयोग की जाने वालीओषधि है जिसका इस्तेमाल कोरोना वायरस के उपचार में भी व्यापक तौर पर किया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण में शुरुआती उपचार के दौरान को रोकने में एच सी क्यू(हैड्रॉक्सिक्लोरोक्विन) सहायक है । ट्रम्प प्रशासन ने इसे सुरक्षित ओषधि माना है । चीन,कोरिया और योरोपीय देशों में भी इस दवा का प्रयोग किया जा रहा है ।
भारत मे भीबचाव के तौर पर स्वास्थ्य कर्मियों को ये दवा प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है ।ऐसे में निर्यात पर रोक हटाने का निर्णय घरेलू आपूर्ति को देखकर हीलिए जाने की आवश्यकता थी ।हालांकि भारतीय औषधि निर्माताओं ने सरकार को आश्वश्त किया है कि वह देश की आवश्यकता को पूरा करने में पूरी तरह से समर्थ है और भविष्य में भी कोई कमी नही होने दी जाएगी ।
ज्ञात हो कि भारत द्वारा इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से अमेरिका में इस दवा की आपूर्ति पर व्यापक असर पड़ा है । अमेरिकी रिसर्च कम्पनी ब्लूमबर्ग इंटेलीजेंस के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष अमेरिका द्वारा आयातित कुल दवाओं की सैंतालीस प्रतिशत आपूर्ति भारतीय ओषधि कम्पनियों द्वारा की गई
भारत सरकार ने अमेरिका समेत कई मित्र और पड़ोसी देशों को भी इस दवा का निर्यात शुरू करने की अनुमति दे दी है ।
जयपुर स्थित व्यापार, आर्थिकी एवं पर्यावरण केंद्र के प्रमुख विपुल चटर्जी इस निर्णय को भारत अमेरिकी व्यापार सम्बन्धो के साथ साथ ट्रम्प मोदी की सम्बन्धों की केमिस्ट्री के परिणाम के तौर पर भी देखते हैं । वह कहते हैं कि यह निर्णय एक आदर्श उदाहरण है कि covid-19 के बाद कि दुनिया मे खाद्य और ओषधि के मामले अब राष्ट्रों के मध्य सुरक्षा सम्बन्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं ।