- रोके कौन इनकी मनमानी जब जब रामराज्य की है सरकार ?
- उत्तरप्रदेश मे ज़िला बाँदा का यह वीडियो 6 दिसंबर 2024मड़ौली खुर्द का है।
- अवैध उत्खनन का नेटवर्क इतना मजबूत कि तमाम खबरों के बीच ये वीडियो भी महज व्यवस्था का दर्शनशास्त्र है।
- खनिज डीड की शर्तों, खनिज एक्ट की उपधारा 41 ज के नियम निर्देश, पर्यावरण एनओसी का मानक और दिनदहाड़े नदी मे मनमर्जी बतलाती है मौरम खण्ड संचालक के चांदी का चम्मच ब्यूरोक्रेसी मेअंदर तक पैठ बनाये है।
बाँदा। जसपुरा क्षेत्र मे संचालित यह मड़ौली खुर्द खदान है। बीते दो दिन पूर्व ही क्षेत्र के किसानों ने इस खदान के संदर्भ मे ज़िला मुख्यालय आकर प्रशासन को शिकायत पत्र दिया था। बाँदा के पत्रकार इस खदान की लीला को लगातार लिख रहें है लेकिन फौरी जुर्माना की कार्यवाही से बेफिक्र खण्ड संचालक ने केन नदी मे पोकलैंड से खनन करने का जैसे हलफनामा खनिज लीज डीड मे दिया हो। क्या फर्क पड़ता है लिखते रहो पत्रकार बाबू लेकिन “हुईये वही जो राम रचि राखा, जिसका भाग्य प्रबल है सो उत्तम फल चाखा”।
गौरतलब है कि पत्रकार बालेन्द्र तिवारी और भारत 24, सहित अन्य बैनर से जुड़े अनवर राजा रानू ने यह वीडियो सोशल मीडिया मे साझा किए है।
अनवर का वीडियो लिंक नीचे है–
https://youtu.be/CBpLT47ABM0?si=N4zgmiFaG3U4dqtk
अनवर रोज बाँदा के अवैध खनन पर रिपोर्ट कर रहें है लेकिन मुकम्मल कार्यवाही शून्य है। वहीं किसान नेता पुष्पेंद्र सिंह चुनाले और क्षेत्र के किसान कहते है 7 दिसंबर तक बाँदा मे सर्दी का हाल आप देख ही रहें है। बाकी बची हुई इबारत आने वाली गर्मी मे केन और जल संकट की नूराकुश्ती मे अखबारों की खबरों मे पढ़ लीजिएगा। फिलहाल फतेहपुर बार्डर पर लगी मौरम खदान मर्का से पथरी, मटौंध क्षेत्र के मरौली और इस जसपुरा की मड़ौली खुर्द तक लाल बालू के मौरम ठेकेदार बतला रहें है कि मामला फिट है तभी कारोबार हिट है। मर्का मे सत्तारूढ़ दल के किसी दलजीत का नाम सोशल मीडिया मे वायरल है।