दुनिया के कई देश इसे जल्द लागू कर सकते हैं, WHO बना रहा यूनिवर्सल पोर्टल; जानिए ये कैसे काम करेगा

कोरोना ने हमारी जिंदगी में बहुत कुछ बदला है, बहुत कुछ सिखाया है। इन एक सालों में वर्क फ्रॉम होम,  वर्चुअल वेडिंग, ऑनलाइन समिट, जैसी तमाम चीजें आई हैं, अब बारी वैक्सीन पासपोर्ट की है।

दरअसल, कोरोना आने के बाद से कई देशों में इंटरनेशनल ट्रैवलर के आने पर पाबंदी है। इसी के चलते WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) और WEF (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) जैसे संगठन वैक्सीन पासपोर्ट बनाने पर काम कर रहे हैं। यह एक यूनिवर्सल पासपोर्ट होगा। इसके आने से दुनिया के टूरिज्म सेक्टर में फिर से बहार आने की उम्मीद है। इसलिए अब यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन (UNWTO) ने दुनियाभर के देशों से वैक्सीन पासपोर्ट को लागू करने की मांग की है।

क्या है वैक्सीन पासपोर्ट?

  • इंटरनेशनल ट्रैवलिंग को कुछ देशों ने तमाम प्रतिबंधों के साथ अनुमति दी है। इसमें ट्रैवलर को 14 दिन तक क्वारैंटाइन रहना पड़ रहा है। इस वजह से लोग ट्रैवल करने से बच रहे हैं।
  • वैक्सीन पासपोर्ट बनने से यह पता चल सकेगा कि ट्रैवल करने वाले व्यक्ति ने वैक्सीन ली है या नहीं। यह पासपोर्ट सिर्फ वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति को ही मिलेगा।

क्या है वैक्सीन पासपोर्ट का स्टेटस?

  • UNWTO और ग्लोबल टूरिज्म क्राइसिस कमेटी की स्पेन के मैड्रिड में हाल ही में बैठक हुई। इसमें फैसला हुआ कि वैक्सीन पासपोर्ट को जरूरी ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स में शामिल कराया जाए।
  • UNWTO के मुताबिक टूरिज्म शुरू करना जरूरी है, इसके लिए और इंतजार नहीं किया जा सकता। वैक्सीन लगाने के साथ लोगों को सर्टिफिकेट दिया जाए ताकि लोग ट्रैवलिंग कर सकें।

वैक्सीन पासपोर्ट का आइडिया कैसे आया?

  • वैक्सीन पासपोर्ट का आइडिया बिल्कुल नया है। लेकिन, यह अचानक नहीं आया। WHO समेत कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं “कॉमन ट्रस्ट नेटवर्क” पर करीब 6 महीने से काम कर रही हैं।
  • कॉमन ट्रस्ट नेटवर्क का उद्देश्य एक ऐसा यूनिवर्सल टूल डेवलप करना है, ताकि यह पता चल सके कि एक से दूसरे देश में ट्रैवल करने वाले व्यक्ति ने वैक्सीन ली है या नहीं। इसी के तहत वैक्सीन पासपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
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