बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के लिए नाक की लड़ाई बन चुकी है। यही वजह है कि वह जीत के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ रही हैं। नंदीग्राम ही नहीं पूरे पूर्व मेदिनीपुर और आस पास के जिलों में खासा प्रभाव रखने वाले सुवेंदु अधिकारी इस चुनाव में ममता के खिलाफ खड़े हैं। यही वजह है कि वह पिछले तीन दिनों से नंदीग्राम में कैंप कर रही हैं और वह आगामी दो दिन यानी एक अप्रैल को चुनाव के दिन तक इसी क्षेत्र में रहेंगी। इसी से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति क्या है?
पहले तो ममता ने अधिकारी परिवार को मीरजाफर और गद्दार बताते हुए हमला बोला और फिर उन्होंने रविवार को अपना आखिरी दांव भी खेल दिया। जो ममता पिछले 15 वर्षो से मार्च, 2007 को नंदीग्राम में हुई पुलिस फायरिंग के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य और तत्कालीन माकपा नेता लक्ष्मण सेठ को दोषी बताती आ रही थीं, वही अब 360 डिग्री घूम गईं। ममता ने उस फायरिंग जिसमें 14 लोगों की जान चली गई थी उस घटना के लिए शिशिर अधिकारी एवं उनके पुत्र व भाजपा प्रत्याशी सुवेंदु अधिकारी को जिम्मेदार ठहरा दिया। ममता ने कहा कि बाप-बेटे की अनुमति से ही गोली चली थी।
ममता ने दोनों पर पुलिस की वर्दी में नंदीग्राम में हवाई चप्पल पहने गुंडे घुसवाने का भी आरोप लगा दिया। ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि आखिर पिछले 15 वर्षो से ममता जो कहती आ रही थीं वह झूठ था या फिर अब जो कह रही हैं झूठ है? क्योंकि अब तक हम सभी को पता है कि नंदीग्राम में गोली चली थी और उस समय वाम शासन था। ऐसे में विपक्षी दल और आंदोलन से जुड़े नेता की अनुमति से नंदीग्राम में पुलिस वाले दाखिल होंगे?
ममता इस बयान के बाद उक्त आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजन ही सवाल पूछने लगे हैं कि पिछले 15 वर्षो से वह क्यों चुप रही हैं? अब चुनाव है तो इस तरह का बयान दे रही हैं। ममता बनर्जी यह भी कह रही हैं कि अधिकारी परिवार उन्हें सीएम रहते हुए नंदीग्राम में घुसने नहीं दे रहे थे। एक निर्वाचित सीएम को उन्हीं की पार्टी के मंत्री, सांसद सूबे के एक विधानसभा क्षेत्र में नहीं घुसने देगा? यह तो बड़ा ही गंभीर मामला है। इसकी भी जांच होनी चाहिए।
अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में फायरिंग की उस घटना के लिए शिशिर अधिकारी और उनके पुत्र तथा भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी सुवेंदु अधिकारी को जिम्मेदार ठहरा दिया है जिसमें 14 लोगों की जान चली गई थी