हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में व हिंदी सप्ताह को समर्पित


क्रासर- निशा निमन्त्रण मंच, निशा काव्योत्सव में हुई प्रवाहित अविरल काव्य गंगा व श्रोता हुए मंत्रमुग्ध
सीतापुर।आलोक लोक सेवा संस्थान के तत्वाधान में कोविड-19 व सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण अनुपालन करते हुए हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य व हिंदी सप्ताह को समर्पित

हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में व हिंदी सप्ताह को समर्पित

हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में व हिंदी सप्ताह को

काव्योत्सव का आयोजन प्रख्यात लोक गीतकार कुँवर आलोक सीतापुरी के पावन सानिध्य, वरिष्ठ कवि डॉ. आजये कुलश्रेष्ठ, अजेय की अध्यक्षता, डॉ0 रश्मि कुलश्रेष्ठ के मुख्य आतिथ्य व अम्बिका तिवारी, अम्बुज के संचालन में सम्पन्न हुआ।

हिदी सप्ताह पर प्रकाश डालते हुए अपनी रचना।


काव्योत्सव का प्रारम्भ कानपुर से पधारी डॉ0 रश्मि कुलश्रेष्ठ की वाणी वंदना से हुआ। सीतापुर से कवि राज बहादुर वर्मा ने अपनी रचना पढ़ते हुए कहा ये दुनिया मकड़ी का जाला जिसमें उलझा कौन नहीं सभी ढूँढते समाधान पर, उलझा धागा सुलझ सका है कभी नही।

अल्मोड़ा उत्तराखंड से संजना जोशी ने हिंदी दिवस पर हिंदी की वर्तमान दुर्दशा पर रचना पढ़ी। पुनरू निद्रा तोड़ों अपनी नित्य मिथ्या दोहराती हूँ। मैं हिंदी की बेटी हूँ हिंदी की वेदना गाती हूं।

हिंदी दिवस पर हिंदी की वर्तमान दुर्दशा पर रचना पढ़ी

सीतापुर से युवा कवि शिवांशु सिंह सुंदरम ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए ओजस्वी तेवर में शत्रु को ललकारते हुए कहा वतन पर आंच लाता जो कलम तब सौर्य दिखलाती, तुरत दुश्मन की छाती फ ाड़कर गद्दार लिखती है।

कन्नौज से पधारे युवा कवि अतुल बाजपेयी अतुल ने हिदी सप्ताह पर प्रकाश डालते हुए अपनी रचना से गोष्ठी को ऊंचाइयां प्रदान की। पढ़े हिन्दी लिखें हिन्दी करें सम्मान हिन्दी का बनेगी, देव भाषा यह गजब का ज्ञान है हिन्दी।

हिंदी दिवस पर हिंदी की वर्तमान दुर्दशा

लखीमपुर से युवा ओजकवि आशीष मिश्र बागी ने ओजस्वी काव्यपाठ करते हुए कहा टूटकर जितना प्रेमी ने प्रियसी को चाहा होगा। कभी मैं उससे सौ गुना ज्यादा वतन से प्यार करता हूं।

कार्यक्रम संयोजक अरुण शर्मा बेधड़क ने राष्ट्र वन्दन करते हुए सीमा पार शत्रु को चेताते हुए कहा लिख नहीं पाता, कभी नारी प्रणय का गीत मैं, देशद्रोही लें सबक अंगार लिखना चाहता हूँ।

हिंदी दिवस पर हिंदी की वर्तमान

मुख्य अतिथि के रूप में कानपुर से पधारी डॉ रश्मि कुलश्रेष्ठ, आचार्य अम्बिका तिवारी अम्बुज, डॉ0 अजय कुलश्रेष्ठ आदि ने भी कविता पाठ किया।

अन्त में कार्यक्रम संयोजक अरुण शर्मा बेधड़क ने आमन्त्रित अतिथि कवियों व श्रोताओं के प्रति आभार प्रदर्शन कर कार्यक्रम समापन की घोषणा की।

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