52 शक्ति पीठों में से एक है पटना में स्थित पटन देवी मंदिर | NAVRAT 2022

नई दिल्ली, Patan Devi Temple: शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा करने का विधान है। नवरात्र के दिनों में मां की कृपा पाने के लिए भक्त पूजा करने के साथ व्रत रखते हैं। इसके साथ ही देशभर के देवी मां के मंदिरों में लाखों लोग दर्शन करने पहुंचते हैं। ऐसे ही दुनियाभर में 52 शक्तिपीठ मौजूद है। इन्हीं 52 शक्तिपीठों में से एक बिहार में स्थित है। इस मंदिर को पटन देवी मंदिर के नाम से जानते हैं। जानिए इस मंदिर के बारे में रोचक बातें |

पटन देवी के हैं दो स्वरूप

पटन देवी मंदिर में देवी के दो स्वरूप है जिन्हें छोटी पटन देवी और बड़ी पटन देवी के नाम से जानते हैं। पूरे पटना की रक्षा का दायित्व छोटी पटन देवी ने अपने सिर लिए हुए है। इसी कारण इन्हें भगवती पटनेश्वरी के नाम से भी जानते हैं। वहीं बड़ी पटनी का मंदिर अलग बना हुआ है। इसके अलावा इस मंदिर में महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली की मूर्ति भी स्थापित है। इसके अलावा यहां पर भैरव की प्रतिमा भी स्थापित है।

बड़े  गड्ढे से निकाली गई तीनों मूर्तियां

इस मंदिर के प्रांगण में एक बड़ा सा गढ़ा भी मौजूद है जिसे पटनदेवी खंदा के नाम से जानते है। कहा जाता है कि यहीं से तीन देवियों की मूर्ति को निकालकर स्थापित किया गया था।

दर्शन मात्र से होती है पूरी मनोकामनाएं

पटन देवी मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि किसी भी मांगलिक कार्य होने के बाद मां के दर्शन करना सबसे जरूरी माना जाता है। मां के दर्शन करने मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इसके साथ ही नया जोड़ा इस जगह पर आकर दर्शन करता है। उसका वैवाहिक जीवन सफल होता है। 

पटन देवी में गिरा था मां सती का ये अंग

देवी भागवत और तंत्र चूड़ामणि के अनुसार, इस जगह पर माता सती की दाहिनी जांघ गिरी थी। इसी कारण इसे शक्तिपीठ कहा जाता है। इस मंदिर तो बड़ी पटन देवी और पाटन देवी के नाम से भी जानते हैं।

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