वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों को लेकर भड़के राहुल गांधी, लोगों के मदद करने के जज्बे को सराहा | Latest news

कोरोना महामारी के दौरान देश के चरमराए स्वास्थ्य ढांचे को लेकर लगातार सवाल उठा रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस विकट समय में लोगों के एक दूसरे की मदद करने के जज्बे को दिल छूने वाला करार दिया है। कांग्रेस नेता ने कोरोना वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों को लेकर भी सवाल दागते हुए सरकार के करीबी उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। कई दिनों से कोरोना संक्रमित राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिये इस महामारी के कहर से निपटने में सरकारी तंत्र की नाकामियों पर सवाल उठा रहे हैं। 

For a few industrialists': Rahul Gandhi compares vaccine policy with note  ban | Hindustan Times

‘मदद का हाथ बढ़ाते चलो, अंधे सिस्टम का सच दिखाते चलो’

सिस्टम से मदद नहीं मिल पाने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को सहायता के लिए लोगों के आगे आने की सराहना करते हुए उन्होंने ट्वीट किया जिसमें सरकार को घेरने से परहेज नहीं किया। राहुल ने कहा कि एक दूसरे की सहायता करते आम जन दिखाते हैं कि किसी का दिल छूने के लिए हाथ छूने की जरूरत नहीं। मदद का हाथ बढ़ाते चलो इस ‘अंधे सिस्टम’ का सच दिखाते चलो। राज्यों को केंद्र के मुकाबले महंगे दाम पर कोरोना वैक्सीन खरीदने की व्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने दूसरे ट्वीट में निजी कंपनियों को वैक्सीन के विकास के लिए संसाधन दिए जाने की बात उठाई। 

राहुल गांधी ने कहा, वैक्सीन के विकास को निजी कंपनियों को दिया जनता का पैसा 

राहुल ने कहा कि  जनता का पैसा वैक्सीन कंपनियों को कोरोना वैक्सीन के विकास के लिए दिया गया। अब भारत सरकार इसी जनता को दुनिया में सबसे महंगी वैक्सीन खरीदने के लिए बाध्य करेगी। एक बार फिर नाकाम सिस्टम ने मोदी-मित्रों के फायदे के लिए नागरिकों को फेल किया है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि इस समय देश को सेंट्रल विस्टा की जरूरत नहीं बल्कि सही नजरिये वाली केंद्र सरकार की जरूरत है। उल्लेखनीय है सेंट्रल विस्टा देश की राजधानी में विकसित किया जा रहा वह इलाका है जहां नया संसद भवन और अन्य सरकारी इमारतें बनाई जानी हैं। 

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