-दलित पीड़िता के कोर्ट मे 164 कलमबंद बयान के बाद दरम्यान रिमांड पेशी राजाभैया व अन्य पर माननीय न्यायालय ने गैंगरेप की बीएनएस धारा 70 (1) 3(5) अतिरिक्त बढ़ाई है।
@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
बाँदा। अपहरण और जान से मारने के प्रयास मे विद्याधाम समिति / चिंगारी गैंग लीडर राजाभैया यादव मामलें मे विशेष न्यायालय एससी.एसटी कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है। गौरतलब है कि बाँदा के अतर्रा थाने मे राजाभैया सहित 4 पुरुष अभियुक्तों पर विगत 2 फरवरी को दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 0043/2025 बीएनएस की धारा 140 (3), 352, 356 (2), 115 (2),123, 61(2), 66 आईटी एक्ट व 3 (2) एससी.एसटी हुआ था। वहीं माननीय न्यायालय ने अभियुक्त राजाभैया यादव की रिमांड पेशी पर पीड़िता के 164 के बयान आधार पर मुकदमे मे सामूहिक दुराचार की बीएनएस धारा 70 (1) 3(5) और बढ़ाई थी। गुरुवार 6 मार्च को राजाभैया यादव की बेल एप्लीकेशन / जमानत अर्जी पर विशेष न्यायालय एससी.एसटी कोर्ट मे सुनवाई थी।
बतलाते चले कि सुनवाई दरम्यान एडीजे द्वितीय स्पेशल जज ने शासकीय अधिवक्ता व राजाभैया के वकील की दलीलें और पीड़िता के अधिवक्ता श्री अविनाश पांडेय जी की जिरह सुनने के बाद अभियुक्त राजाभैया की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
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अभी चार अभियुक्त फरार है–
इस मुकदमे मे राजाभैया के साथ नामजद 4 पुरुष अभियुक्त क्रमशः मुबीन खान पुत्र नजीर खान निवासी सुलखान का पुरवा, थाना कालिंजर,अतर्रा निवासी शिवकुमार गर्ग उर्फ नन्ना, विजयबहादुर व शिराज अहमद अभी पुलिस पकड़ से बाहर है। वहीं इस मुकदमे मे ही धारा 66 आईटी एक्ट मे चिंगारी संयोजिका मुबीना खान व अन्य 16 महिलाओं की भी पेशबंदी है। इन महिलाओं पर पीड़िता ने सोशल मीडिया पर मिथ्या बयानबाजी करके वीडियो वायरल करने का आरोप लगाया है। जैसे वीडियो चिंगारी संगठन द्वारा बीते दिसंबर माह प्रसारित किए गए थे।
उल्लेखनीय है राजाभैया ने बेल एप्लीकेशन नम्बर 268/2025 व फ़ाइलिंग नम्बर 794/25 के तहत अपहरण, हत्या के प्रयास, सामूहिक दुष्कर्म मामले मे बाँदा एससी.एसटी कोर्ट मे जमानत डाली थी जो खारिज हो गई है। अब देखना यह होगा कि अतर्रा थाना पुलिस फरारी काट रहे 4 अभियुक्तों की गिरफ्तारी कब तक करती है। अथवा लुकाछिपी की नूराकुश्ती बरकरार रहेगी। फिलहाल मामला विवेचनाधीन है।
अभियुक्त राजाभैया पर 17 दिसंबर को दर्ज हुये थे दो अन्य मुकदमे–
थाना अतर्रा मे ही विद्याधाम व चिंगारी लीडर राजाभैया, शिवकुमार गर्ग व मुबीना खान पर दो अन्य मामले लिखे गए थे। जिसमें अपराध संख्या 0314/24 धारा 376, 120 बी, 504,506, 3 (2)5 एससी.एसटी व मुकदमा संख्या 315/24 धारा 354,506 थाना अतर्रा शामिल है। इनकी विवेचना भी क्षेत्राधिकारी अतर्रा श्री प्रवीण कुमार यादव व एसआई काशीनाथ यादव के जिम्मे प्रचलित है। उधर दोनों पीड़िता बिना सुरक्षा के माननीय न्यायालय आवागमन व गृह क्षेत्र मे बसर कर रहीं है। दलित पीड़िता के ग्राम बगदरी तक अभियुक्तों के करीबी व कारखास भरसक दौड़ दबाव के लिए लगा रहें है। बावजूद इसके दोनों महिलाओं ने धैर्य बनाए रखा है। उन्होंने अपनी जींवन सुरक्षा के मद्देनजर अपहरण केस मे फरारी काट रहे 4 पुरूष अभियुक्तों पर त्वरित कार्यवाही की मांग उठाई है।
महत्वपूर्ण तथ्य है कि मुख्य अभियुक्त राजाभैया पर अतर्रा थाने मे पहले से ही दुराचार, हत्या,ठगी व नगर कोतवाली बाँदा मे डकैती पर मुकदमा दर्ज है। वहीं अपहरण का सहयोगी नामजद विजयबहादुर पर साल 2002 मे अतर्रा थाने पर अपराध संख्या 122/02 न्यायालय केस नम्बर 142/2003 धारा 302, 376, 396 मे वाद दर्ज हुआ था। जिसमें न्यायालय ने दिनांक 27 अक्टूबर 2003 को अपने फैसले मे उम्रकैद की सजा दी थी। यह अभियुक्त हाईकोर्ट से जमानत पर चल रहा है। ऐसे मुल्जिमान का फरार रहना पीड़िता की सुरक्षा पर बड़ा सवाल है।