राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने लखनऊ के लोक भवन में मंगलवार को डॉ.भीमराव आम्बेडर सांस्कृतिक केंद्र का वर्चुअल शिलान्यास किया। इस अवसर पर उनकी पत्नी सविता कोविन्द, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा तथा योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ मुख्य सचिव आरके तिवारी व उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी भी थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में पांच दिन के प्रवास पर रहने के लिए राष्ट्रपति को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने हमारे लिए इतना समय निकाला हम उनके आभारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि करने के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार बाबा साहब डॉ. भीम राव आम्बेडकर के दिखाए रास्ते पर चल रही है। भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जब भी वंचितों, दलितों, उपेक्षितों और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हुए व्यक्ति की आवाज की बात होगी तो बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी का नाम बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ विश्व मानवता सदैव लेगी।
इससे पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने लोकभवन में बटन दबाकर ऐशबाग में बनने वाले डॉ. भीमराव आम्बेडकर सांस्कृति केंद्र का शिलान्यास किया। इस केंद्र में बाबा साहब की 25 फिट ऊंची प्रतिमा लगेगी। इसके साथ दर्शन के लिए उनके पवित्र अस्थि कलश स्थापित होंगे। यहां पर पुस्तकालय तथा संग्रहालय समेत अतिथि गृह और ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की स्मृति
संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की स्मृति में बनवाये जाने वाले भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र में एक ओर जहां बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी, तो बाबा साहब की पवित्र अस्थियों के कलश को भी दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके साथ ही 750 दर्शक क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम, आभाषी संग्रहालय, पुस्तकालय, शोध केंद्र, डॉरमेट्री, कैफेटेरिया सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद शाम विशेष विमान से वापस दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की बैठक में पिछले दिनों लखनऊ स्थित ऐशबाग ईदगाह के सामने लगभग पांच हजार वर्ग मीटर जमीन पर भारत रत्न डा. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाने का निर्णय हुआ। करीब 45 करोड़ रुपये लागत वाले इस स्मारक में प्रेक्षागृह, पुस्तकालय, शोध केंद्र, संग्रहालय, बहुउद्देश्यीय सभागार के साथ ही 25 फीट ऊंची आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने इस अवसर पर अपने संबोधन में भारत के संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव आम्बेडकर के जीवन तथा कार्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लखनऊ से बाबा साहब का खास संबंध रहा है। वह लखनऊ में काफी समय बिताने के साथ ही यहां की संस्कृति को बहुत प्रिय बताते थे। राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहब कहते थे कि सरकार का मिशन सबकी भलाई होनी चाहिए। इसी कारण सभी सरकार को उनके अनुभव का अनुसरण करना चाहिए। आज लोग हिंदू-मुस्लिम करते हैं, बाबा साहब कहते थे कि हम सब पहले और बाद में भी केवल भारतीय हैं बाबा साहब ने आज ही के दिन 93 वर्ष समता नामक साप्ताहिक पत्र निकालकर मूलक समाज की रचना की थी। वह अंग्रेजों के खिलाफ समता का जोरदार प्रयोग करते थे। अपनी बात कहने के लिए उन्होंने 29 जून 1928 को समता को बड़ा मंच बनाया था। उन्होंने ही संविधान की प्रस्तावना में समता का जिक्र किया था।