अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप | Shri Ram Mandir

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए गए हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपये में बैनामा करा ली गई भूमि का 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपये में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। यह भूमि सदर तहसील क्षेत्र के बाग बिजैसी में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है।

हम पर लगते ही रहते हैं आरोप : भूमि खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने कुछ भी कहने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि हम मामले की स्टडी करेंगे, इसके बाद ही कुछ कहेंगे। उन्होंने इतना जरूर कहा कि हम पर आरोप लगते रहते है। चंपत राय ने कहा कि हम पर महात्मा गांधी की हत्या के भी आरोप लगे हैं। हम आरोपों से नहीं डरते हैं, जो आरोप लगे हैं उसकी मैं स्टडी करूंगा।

Ram Janmabhoomi: Trust purchases land for extension of premises

आप ने भी लगाया घोटाला का आरोप : आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य व उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने भी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की है। संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपये कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी। यह सीधे-सीधे धन शोधन का मामला है और सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराई जाए। संजय सिंह ने कहा कि दो करोड़ की जमीन खरीद व 18 करोड़ के एग्रीमेंट, दोनों में ट्रेस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा गवाह हैं। उन्होंने कहा कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। पूर्व मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंदिर के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने कहा कि यह भूमि रवि मोहन तिवारी नाम के एक साधु व सुल्तान अंसारी ने बैनामा ली थी। ठीक 10 मिनट बाद इसी भूमि का ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के नाम 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया जाता है। बैनामा व रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18 मार्च, 2021 को किया गया। आरोप है कि बैनामा व रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र और नगर निगम के महापौर रिषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। उन्होंने आरटीजीएस की गई 17 करोड़ रुपये धनराशि की जांच कराने की मांग की है। कहा, यह धनराशि कहां-कहां गई इसका पता लगाया जाए और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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