शिवपाल बोले – अखिलेश को CM बनाने के लिए कुर्बान की पार्टी, 2017 में छोड़ा था केन्द्रीय मंत्री पद | UP Election 2022

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शिवपाल सिंह यादव का दर्द गाहे-बगाहे छलक ही जाता है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को उम्मीद थी कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद उनकी पार्टी को कम से कम सौ सीट मिलतीं, लेकिन उनको तो एक ही सीट पर समेट दिया गया। वह भी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।इटावा की जसवंतनगर सीट से पहले पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ते थे, लम्बे समय से शिवपाल सिंह यादव विधायक हैं।

U.P Assembly election 2022 | Akhilesh, Shivpal join forces - The Hindu

जसवंतनगर में शुक्रवार को जनसंपर्क के दौरान प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हमने तो अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए पार्टी को कुर्बान कर दिया। हमारे समर्थक और पार्टी के नेता अब कहीं के नहीं रहे।प्रसपा अपने दम पर उत्तर प्रदेश में चुनाव लडऩे को तैयार थी। हमारे तो सौ सीटों पर प्रत्याशी घोषित हो गए थे। भाजपा को हराने के लिए हमने सपा से गठबंधन कर लिया। हमें भरोसा दिया गया था कि आपके उम्मीदवारों को भी टिकट देंगे, लेकिन किसी को भी टिकट नहीं दिया गया। अखिलेश से 100 के बाद 65 सीटें मांगी, तो कहा गया कि ज्यादा हैं। फिर 45 नामों की लिस्ट दी, तब भी कहा गया कि ज्यादा हैं। हमने 35 प्रत्याशियों के नाम दिए, लेकिन हमारे खाते में केवल एक ही सीट आई है। कम से कम 50 सीटें तो मिलनी ही चाहिए थीं।

शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हमने 2017 में भले पार्टी बना ली थी, लेकिन इस दौरान भी नेताजी मुलायम सिंह से लगातार मिलता रहता था। शिवपाल ने कहा कि वह हमें और अखिलेश यादव को एकजुट देखना चाह रहे थे। समय को जो मंजूर था वह अब हो गया। हम और अखिलेश एक हो गए। जसवंत नगर में उन्होंने कहा कि यहां से जसवंतनगर से नेताजी सात बार जीते और मैं पांच बार। अब छठवीं बार हम चाहते हैं कि यहां की जनता मुझे प्रदेश की सबसे बड़ी व रिकार्ड जीत दिलाकर विधायक बनाए। शिवपाल सिंह ने कहा कि 2017 में हमने समाजवादी पाटी से अलग होकर अपनी पार्टी बना ली थी। इस दौरान हमको तीन महीने तक केन्द्र सरकार में मंत्री बनने के आफर मिले। अगर हम चाहते तो 2017 में ही केन्द्र में मंत्री बन जाते। बुनकर, मजदूरों तथा गरीबों के हितों को ध्यान में रखते हुए हमने मंत्री पद नहीं स्वीकारा। मैंने जितना त्याग और संघर्ष किया, इतना संघर्ष किसी ने नहीं किया होगा। उन्होंने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव के आदेश पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया था। 

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