लोहिया में कोविड के साथ सामान्य मरीजों का इलाज शुरू, इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर कर रहे मदद | Lucknow CORONA Latest News

कोई कुत्ते काटने पर इंजेक्शन लगवाने आ रहा है तो कोई मधुमेह का स्तर कम होने के कारण बिगड़ी तबियत को ठीक कराने। गोमती नगर निवासी रमादेवी की तबियत वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद बिगड़ गई। पहले से मधुमेह, बीपी जैसी बीमारी से ग्रसित गोमती नगर निवासी की रमादेवी की तबियत बिगड़ी तो परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे। वहीं गयादीन को उनके बेटे सफेदाबाद से मोटरसाइकिल से लेकर आए थे, इनके फेफडों में दिक्कत थी। हालांकि इन सभी मरीजों को स्ट्रेचर भी मिली और लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात डाक्टरों ने औपचारिकताएं पूरी कराने के बाद बेड भी दिलवाया। 

Delhi: As cases soar, coronavirus patients are unable to access beds in  public and private hospitals

एंबुलेंस नहीं मिली तो टैम्पों से लेकर मरीज को पहुंचे: राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक शख्स अपनी पत्नी को टैम्पों से लेकर पहुंचा। मरीज ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तबियत जब बिगड़ी तो एबुलेंस उस वक्त मौके पर जो थी, उनसे बात नहीं बनी, इसलिए टैंपों से ले आए। क्योंकि मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी और तीन सौ में होने वाले काम के लिए एक से डेढ़ हजार क्यों दिए जाए। वहीं लोहिया के पास एंबुलेंस चालकों ने अब निर्धारित किमी के हिसाब से पैसे ले रहे हैं लेकिन बेड के इंतजार में ज्यादा देर समय लगने पर अतिरिक्त पैसा मांगने से गुरेज नहीं कर रहे। 

लोहिया अकादमिक ब्लाक में वैक्सीन को लेकर दिखा उत्साह:  लोहिया अकादमिक ब्लाक में वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में उत्साह दिखा। यहां बने अलग अलग ब्लाक में 18 वर्ष से लेकर वरिष्ठ नागरिक वैक्सीन की डोज लेते हुए दिखे। पहली डोज लगवाने आए रविंद्र नाथ ने बताया कि वह कैंसर मरीज थे, डाक्टर से सलाह के बाद वैक्सीन लगवा रहे हैं। वैक्सीन सुरक्षित है। अब उनको दूसरी डोज की तिथि 26 जून मिली है। इसी तरह युवाओं में भी वैक्सीन लगवाने के बाद सेल्फी लेने का क्रम जारी रहा। 

राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मरीजों के आने का सिलसिला गुरुवार को ठीक ठाक रहा, लेकिन जो आपाधापी पिछले  एक सप्ताह से चल  रही थी, वह कम थी। इमरजेंसी गेट पर पर्याप्त संख्या में स्ट्रेचर, व्हील चेयर के साथ ही इमरजेंसी स्टाफ एंबुलेंस  से आने वाले मरीजों को  परिजनों के आग्रह पर स्वयं लेने आ रहे थे। वहीं टैम्पों से मरीज को लेकर पहुंचे तीमारदारों को तुरंत स्ट्रेचर मुहैया कराई गई और डाक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया। उधर कुत्ता काटने पर इंदिरा नगर निवासी पूर्वा के भाई ने बताया कि वह निजी  सवारी से आया था,  इसलिए गेट से इमरजेंस तक बहन को गोदी में लाना पड़ा, इमरजेंसी के बाद उसे  स्ट्रेचर तुरंत स्टाफ ने उपलब्ध कराई और पर्चा बनने के बाद इंजेक्शन भी बीस मिनट में लग गया। 

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