उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जोरों पर है। चौथे चरण यानी 23 फरवरी को लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राजधानी के तीन सौ से अधिक बूथ ऐसे चिह्न्ति किए गए हैं, जिनको वल्नरेबल (अति संवेदनशील) श्रेणी में रखा गया है। साढ़े तीन सौ क्रिटिकल (संवेदनशील) बूथ भी पुलिस के रडार पर रहेंगे। इसके अलावा कुल 201 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जो वल्नरेबल और क्रिटिकल बूथ दोनों ही हैं। चार हजार से अधिक बूथों पर 23 फरवरी को मतदान होने जा रहा है, जिसको लेकर सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए जा रहे हैं।
क्या है वल्नरेबल बूथ :
वल्नरेबल बूथ का सामान्य अर्थ है, ऐसे बूथ या केंद्र जहां पर विभिन्न कारणों से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को, समुदाय या जाति दूसरे समुदाय या जाति को प्रभावित कर सकता है। चाहे वह संख्या बल हो, बाहुबल हो, धनबल हो या फिर अन्य कोई कारण। चुनाव में ऐसे लोगों, स्थानों व मजरों को चिह्न्ति किया जाता हैं, जहां पर मतदान किसी भी कारण से प्रभावित किया जा सकता है।नौ विधानसभाओं में कुल मतदाता 38 लाख से अधिक हैं, लेकिन युवा वोटर इस बार के चुनाव में ट्रंप कार्ड बनने जा रहे हैं। जब 23 फरवरी को लखनऊ में नौ विधानसभाओं के लिए मतदान होगा तो भावी विधायकों की डोर युवाओं के हाथों में होगी। सात लाख युवा वोटर इस बार मतदान करने जा रहे हैं।
मिश्रित आबादी का इलाका बेहद संवदेनशील :
प्रशासन और पुलिस ने लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों पर निष्पक्ष और शांतिपूर्वक चुनाव के लिए सुरक्षा का जो ब्लू प्रिंट तैयार किया है, उसमें 303 बूथ वल्नरेबल श्रेणी में, 351 बूथ क्रिटिकल श्रेणी में और 201 सेंटर वल्नरेबल एवं क्रिटिकल हैं। सर्वाधिक क्रिटिकल सेंटर मध्य विधानसभा क्षेत्र में हैं। मिश्रित आबादी का इलाका बेहद संवदेनशील है। इन सभी बूथों और सेंटरों के लिए प्रशासन की खास तैयारी है। मतदान के दिन वेब कास्टिंग से लेकर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा होगा।