मुलायम सिंह यादव के गढ़ में नए समीकरण बना गए योगी | Breaking News

 सपा के गढ़ यादव बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र गुन्नौर में सीएम योगी विरोधियों पर जमकर बरसे। आमजन से लेकर यदुवंश की तारीफ और गौ हत्यारों, पेशेवर अपराधियों पर बुलडोजर चलाने की बात कही लेकिन वह अपने बयानों में उस सपा परिवार के विरुद्ध बयान देने से बचते नजर आए। जिस परिवार का गुन्नौर 1998 से प्रिय गढ़ रहा है। वर्ष 1998 में जब मुलायम सिंह यादव लोकसभा सम्भल से सांसद निर्वाचित हुए थे तब गुन्नौर विधानसभा में उन्हें जमकर वोट पड़े थे। वर्ष 2004 में रामगोपाल यादव को सांसद बनाया।इसी दौरान मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए गुन्नौर से ही विधानसभा चुनाव लड़कर रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी तब से गुन्नौर विधानसभा पर सपा परिवार की सीधी पकड़ हो गई थी यहां का गांव गांव का नेता मुलायम परिवार से सीधे जाकर मिलता है।

गुन्नौर की सियासत में धर्मेंद्र यादव की एंट्री वर्ष 2009 में हुई और 2014 तक वह सांसद रहे तब यह जाने जाना लगा कि यादव बाहुल्य इस क्षेत्र में सपा के अलावा कोई विकल्प नहीं है लेकिन वर्ष 2017 में भाजपा की दस्तक अजीत कुमार उर्फ राजू यादव को विधायक बना कर कड़ी चुनौती दी।वह फिर से मैदान में हैं जिन्हें सीएम योगी के द्वारा अपने भाषण में कृष्ण का वंशज बताया गया है और उन्हें समर्थन करने वालों को भी उन्होंने किसानों से लेकर प्रत्येक वर्ग की बात की लेकिन भाजपा समर्थित यादवों को कृष्ण वंशज बताते हुए जमकर तारीफ की जबकि सपा समर्थित यादवों को कंस वंशज बता दिया। गुन्नौर में उनकी जनसभा से न केवल खूब सियासी तीर चले बल्कि उस तीसरे मोर्चे के दिग्गजों को भी मंच साझा करने का मौका दिया जो पिछले कुछ दिनों से स्थानीय स्तर पर बगावती तेवर अपनाने की राह पकड़ चुका था।जिसमें गुन्नौर के वर्तमान ब्लाक प्रमुख आशीष यादव उर्फ हनी और उनके पिता पूर्व ब्लाक प्रमुख अशोक कुमार उर्फ पप्पू यादव, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रूप किशोर यादव, रजपुरा के पूर्व ब्लाक प्रमुख भूपेंद्र यादव उर्फ काली, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रहे दिग्गज राजपाल सिंह यादव समेत कई नेता शामिल थे। मंच पर इसके अलावा भाजपा जिलाध्यक्ष ओमवीर सिंह खड़कवंशी, भाजपा नेता अवधेश यादव, राजेश यादव आदि मौजूद रहे।

विपरीत बनते समीकरण : 

सीएम योगी को स्थानीय भाजपाइयों ने सपा परिवार पर कोई भी बयान न देने की सलाह दी थी। यहां यह भी बता दें कि वर्ष 2007 में जब दीपक यादव बसपा से चुनाव लड़ रहे थे। तब मायावती के द्वारा सपा परिवार के विरुद्ध बयान बाजी की गई थी। जिसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि उनके बयानों से नाराज यादव समाज ने एकतरफा सपा को वोट किया था और बसपा यहां से चुनाव हार गई थी।

चन्दौसी में सम्भल के भाजपा प्रत्याशी का कद बढ़ाया : 

चन्दौसी की सभा में सम्भल के भाजपा प्रत्याशी राजेश सिंघल का नाम लेकर मुख्यमंत्री ने बोला शेर की तरह यह हिंदुओं की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनके बयान ने सम्भल में भाजपा की राजनीति को नई दिशा दी है।चन्दौसी की सभा के दौरान मंच से मुख्यमंत्री के बुलडोजर वाला बयान खूब चला। एक वक्ता ने तो मुख्यमंत्री की मौजूदगी में उन्हे बुलडोजर वाले बाबा का नाम दे दिया।

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