पटना, बिहार में ‘चमकी बुखार’ से अबतक 170 बच्चों की मौत हो गई है बुखार की वजह से बिहार में मचे हाहाकार के बीच आज इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस मामले पर बिहार सरकार से सात दिन के भीतर जवाब मांगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने चमकी बुखार से बच्चों की हुई मौत को गंभीरता से लिया है और बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार को 7 दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है, जिसमें एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता से संबंधित सुविधाओं का सीलबंद लिफाफे में पूरा विवरण मांगा है।
बता दें कि चमकी बुखार से अबतक 170 बच्चों की मौत हो गई है और काफी संख्या में इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि अदालत की तरफ से बिहार सरकार को मेडिकल सुविधा बढ़ाने के आदेश दिए जाएं और साथ ही केंद्र सरकार को इस बारे में एक्शन लेने को कहा जाए।
बता दें कि बीते बुधवार को कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई को लेकर हामी भरी थी। कोर्ट में मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि सरकारी सिस्टम इस बुखार का सामना करने में पूरी तरह से फेल रहा है।
बिहार में बीते एक महीने से एईएस या चमकी बुखार को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इसका सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर जिले में दिखा है, जहां सिर्फ श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में अब तक 128 बच्चों की मौत हो चुकी है और कई बच्चों का इलाज चल रहा है। वहीं अन्य जिलों में भी कई बच्चों की मौत एईएस से हो रही है। समस्तीपुर में भी अबतक नौ बच्चों की मौत की खबर है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। मीडिया की ओर से जब भी उनसे सवाल दागा गया तो उन्होंने चुप्पी ही नहीं साधी बल्कि उल्टा कुछ मौकों पर वह मीडिया पर ही बरसते हुए दिखे।