नई दिल्ली, Pakistan Economy दुनियाभर में चरमपंथ और आतंकवाद की फंडिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force, FATF) का कहना है कि पाकिस्तान आतंकी फंडिंग रोकने के लिए दिए निर्देशों का पालन निर्धारित समय (मई, 2019) तक करने में असफल रहा है। यही नहीं संस्था ने पाकिस्तान से यह भी दो टूक कह दिया है कि उसने अक्टूबर, 2019 तक आतंकवाद के खिलाफ संतोषजनक कदम नहीं उठाया तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा यानि उसको प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। एफएटीएफ की यह चेतावनी पाकिस्तान के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। एफएटीएफ का अगला कदम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए ताबूत की आखिरी कील साबित हो सकता है। आइए करते हैं इससे पैदा होने वाली मुश्किलों की पड़ताल…
खोखली होती अर्थव्यवस्था के लिए खतरे के संकेत
टेरर फंडिंग को लेकर एफएटीएफ की यह चेतावनी पाकिस्तान की जर्जर होती अर्थव्यवस्था के लिए खतरे का संकेत है। एफएटीएफ अगर पाकिस्तान को काली सूची में डाल देता है तो यह उसकी बदहाल आर्थिक स्थिति के लिए करारा झटका होगा। इस कदम से विदेशी कंपनियों के लिए पाकिस्तान में निवेश करना मुश्किल होगा। यही नहीं, बीमा कंपनियां पाकिस्तान में कारोबार के लिए ज्यादा प्रीमियम लेने लगेंगी, क्योंकि उसे ज्यादा जोखिम वाला बाजार माना जाएगा। इससे पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और चरमरा जाएगी।