300 छात्रों ने CJI को लिखी चिट्ठी, 12 वीं की CBSE परीक्षा रद करने की मांग | CBSE Board Exam 2021

कोविड महामारी के बीच छात्रों के व्यापक हित को देखते हुए सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) जैसा केंद्रीय बोर्ड परीक्षा कराने के पक्ष में मजबूती से खड़ा है।  वही दूसरी तरफ लगभग 300 छात्रों ने सीबीएसइ की बारहवीं कक्षा को परीक्षा को रद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को एक पत्र भेजा है। छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से सरकार को उनके लिए वैकल्पिक मूल्यांकन योजना प्रदान करने का निर्देश देने को कहा है। 

CBSE Board Exam 2021: Plea To Cancel Class 12 Exams Filed In Supreme Court

स्वकेंद्र, समय कम रखने सहित बहु-विकल्पीय तरीके से परीक्षा कराने जैसे प्रस्तावों पर हुई चर्चा

उच्चस्तरीय बैठक में परीक्षा कराने के विकल्पों को लेकर राय अलग-अलग थी। 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं कराने को लेकर राज्यों के साथ रखी गई इस बैठक में परीक्षा के विकल्पों पर भी लंबी चर्चा हुई। परीक्षाओं के लिए स्वकेंद्र रखने पर सहमति बनी। साथ ही परीक्षाओं को तीन घंटे से कम समय यानी डेढ़ घंटे में कराने की बात हुई। इस दौरान प्रश्नपत्र बहु विकल्पीय रखने या फिर कुछ प्रमुख विषयों की ही परीक्षा कराने जैसे सुझाव दिए गए।इस दौरान यह राय भी दी गई कि छात्रों से पूछकर ही परीक्षा वाले विषयों का चयन किया जाए। बाकी विषयों में उनके प्रदर्शन के आकलन के आधार पर अंक दिए जाएं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने सभी राज्यों से इस संबंध में 25 मई तक विस्तृत राय देने को कहा है। माना जा रहा है कि राज्यों की राय के आने के बाद पूरी रिपोर्ट प्रधानमंत्री के सामने रखी जाएगी। माना जा रहा है कि राज्यों को अपनी सुविधा के आधार पर विकल्प चुनने की छूट दी जाएगी। 

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बारहवीं की बोर्ड परीक्षा न कराने के पक्ष में खड़े दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों को भले ही इस फैसले से कुछ फायदा नजर आ रहा हो, लेकिन भविष्य में इससे बच्चों के सामने कई  चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। खासकर, केंद्रीय मदद से संचालित होने वाले प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रवेश में दिक्कत खड़ी हो सकती है, जहां उन्हें परीक्षा देकर आए छात्रों के मुकाबले कमतर आंका जा सकता है। ऐसे ही समस्या विदेशी संस्थानों के दाखिले में पैदा हो सकती है।

ज्ञात हो कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक में फैसला लिया गया कि 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद नहीं होंगी। दिल्ली को छोड़कर ज्यादातर राज्यों ने भी 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं कराने का सुझाव दिया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि वह परीक्षाओं को लेकर छात्रों और अभिभावकों में पैदा हुए असमंजस को जल्द ही खत्म करेगी। एक जून या उससे पहले ही परीक्षा को लेकर फैसला हो जाएगा और परीक्षा की तिथि जारी कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि 12 वीं की परीक्षाएं जुलाई में हो सकती हैं। 

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