लखनऊ।(आरएनएस ) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया डॉ कफील खान की तुरंत रिहाई का आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने डॉ कफील खान की रासुका में निरुद्धि के डीएम अलीगढ़ के आदेश और उसके कन्फ़र्मेशन को रद्द कर दिया है। रासुका में निरुद्धि और उसकी अवधि बढ़ाने को भी अवैधानिक करार दिया है। साथ ही उन्हें अविलंब रिहा करने का निर्देश दिया है। 28 अगस्त को डॉ कफील खान मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) निरुद्ध के खिलाफ दायर याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दरअसल, डॉ.कफील पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के मामले में रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी।डॉ.कफील को रासुका में निरुद्ध किए जाने को लेकर चुनौती दी गई थी। डॉ कफील की मां नुजहत परवीन की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई थी। डीएम अलीगढ़ ने नफरत फैलाने के आरोप में डॉ. कफील पर रासुका लगाया था पिछले कई महीनों से कफील खान जेल में बंद है। डॉ. कफील खान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद हैं। हाल ही में उनकी हिरासत 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। पिछले करीब 6 महीने से रासुका के तहत कफील खान मथुरा जेल में बंद हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत 13 फरवरी 2020 को कफील खान को अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर निरुद्ध किया गया है।
बीआरडी की घटना से चर्चा में डॉक्टर कफील
डॉक्टर कफील गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 2017 में ऑक्सीजन की कमी लेकर घटित दुर्घटना के बाद सुर्खियों में आए थे। इस घटना में ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी के चलते कई बच्चों की मृत्यु हो गई थी। शुरुआत में आपात स्थिति में ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था कर बच्चों की जान बचाने को लेकर उनकी सराहना हुई, लेकिन बाद में 9 अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ उन पर कार्रवाई हुई। हालांकि बाद में सभी को जमानत मिल गई थी।