‘खेला होबे’ नारा देने वाले बांग्लादेशी सांसद ने कहा-जीत लोगों की होनी चाहिए | Bengal Assembly Election 2021

बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनावों के दौरान तृणमूल कांग्रेस ‘खेला होबे’ नारा का खूब उपयोग कर रही है और यह नारा दरअसल बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग के सांसद शमीम उस्मान ने दिया था। उनका कहना है कि कोई राजनीतिक खेल तभी सफल होगा जब अंतत: किसी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हो और लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट रहे। उस्मान का कहना है कि उन्होंने 2016 में इस नारे का उपयोग पूरी तरह से भिन्न संदर्भ में करना शुरू किया था, जब वे बांग्लादेश में “स्वतंत्रता-विरोधी ताकतों” से मुकाबला कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी होगी, अगर सीमा के दूसरी तरफ के लोग ‘खेला’ जीतते हैं और कोई खून-खराबा नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि बंगाल में नेतागण खेला होबे नारे का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन मुझे नहीं मालूम कि वे इसका किस संदर्भ में उपयोग कर रहे हैं। असली खेला तभी होगा जब बंगाल के लोग जीतेंगे। अवामी लीग के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) देश की आजादी के खिलाफ थे लेकिन उन्हें पूर्ण राजनीति में आने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि बीएनपी के साथ जमात ने 2013-14 के दौरान कम से कम तीन महीनों तक बांग्लादेश में विनाशकारी घटनाओं को अंजाम दिया था। लोग उसे नहीं भूलेंगे। उसी समय जब हमने खेला होबे का नारा (एक सार्वजनिक रैली में) गढ़ा था। उस्मान ने कहा कि आप खेलना चाहते हैं, ठीक है… ठीक है… चलिए, खेलते हैं। हम उन्हें दिखाना चाहते थे कि लोगों का समर्थन किन्हें है। खेल स्वतंत्रता के विरोधी और स्वतंत्रता के पक्षधर के बीच में था। यह साबित हो गया था कि लोग हमारे साथ थे।

The Bangladeshi MP who gave the slogan Khela Hobe said that victory should  be of the people

उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि बंगाल में नेतागण खेला होबे नारे का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन मुझे नहीं मालूम कि वे इसका किस संदर्भ में उपयोग कर रहे हैं। असली खेला तभी होगा जब बंगाल के लोग जीतेंगे। अवामी लीग के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) देश की आजादी के खिलाफ थे लेकिन उन्हें पूर्ण राजनीति में आने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि बीएनपी के साथ जमात ने 2013-14 के दौरान कम से कम तीन महीनों तक बांग्लादेश में विनाशकारी घटनाओं को अंजाम दिया था। लोग उसे नहीं भूलेंगे। उसी समय जब हमने खेला होबे का नारा (एक सार्वजनिक रैली में) गढ़ा था। उस्मान ने कहा कि आप खेलना चाहते हैं, ठीक है… ठीक है… चलिए, खेलते हैं। हम उन्हें दिखाना चाहते थे कि लोगों का समर्थन किन्हें है। खेल स्वतंत्रता के विरोधी और स्वतंत्रता के पक्षधर के बीच में था। यह साबित हो गया था कि लोग हमारे साथ थे।

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