नई दिल्ली (आरएनएस)। शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने इस बात पर फैसला नहीं दिया कि ईडी केस में गिरफ्तारी सही थी या गलत। कोर्ट ने मामले को बड़ी बेंच को भेजने की सिफारिश की है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद केजरीवाल अभी जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे, क्योंकि उन्हें सीबीआई भी गिरफ्तार कर चुकी है।
जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद 17 मई को आदेश सुरक्षित रख लिया था। केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत के सवाल पर विचार नहीं किया गया है, बल्कि पीएमएल की धारा 19 के मानकों पर गौर किया गया है। सेक्शन 19 और सेक्शन 15 में अंतर बताया गया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक बड़ी बेंच फैसला नहीं कर लेती है, केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाए। जज ने फैसला सुनाते हुए यह भी कहा कि केजरीवाल को 90 दिनों से अधिक समय तक जेल में रहना पड़ा है।
वित्त वर्ष 2021-22 की शराब नीति में कथित घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की वजह से गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट की इसी बेंच ने लोकसभा चुनाव के बीच 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी। केजरीवाल ने ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दोनों पक्षों की ओर से लंबी दलीलें चलीं। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने शीर्ष अदालत को बताया था कि हवाला चैनलों के जरिए आम आदमी पार्टी (आप) को पैसे भेजे जाने के सबूत हैं। केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया था कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का बचाव करने के लिए ईडी द्वारा अब जिस सामग्री का हवाला दिया जा रहा है, वह उनकी गिरफ्तारी के दौरान मौजूद नहीं थी।
केजरीवाल की ओर से याचिका दायर किए जाने के बाद और सर्वोच्च अदालत से फैसला आने से पहले एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी के प्रमुख को सीबीआई भी गिरफ्तार कर चुकी है तो ईडी ने ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है। ईडी ने चार्जशीट में केजरीवाल को घोटाले का ‘मुख्य सरगनाÓ और ‘साजिशकर्ताÓ बताया है। दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी आरोपों को खारिज करते हुए दावा करती रही है कि शराब घोटाले का दावा झूठा है और साजिश के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री को फंसाया गया है।