अस्थाई मंदिर में रामलला विराजमान

अंततः सदियों की प्रतीक्षा का समापन होने को है। अयोध्या में जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का सपना साकार होगा। इसके लिए रामलला विराजमान को अस्थाई मंदिर में स्थापित किया गया है। जिससे जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जा सके। इसमें एक सुंदर सन्योग भी है। इस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं श्री महंत है। वह गोरक्षा पीठाधीश्वर है। योगी आदित्यनाथ ने विधि विधान और भव्य मंत्रोच्चार के बीच राम लला विराजमान को अस्थाई मंदिर में स्थापित किया। यह सराहनीय है कि जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य राष्ट्रीय सद्भावना के साथ शुरू हो रहा है।

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस संबन्ध में निर्णय दिया था। इसको देश के सभी लोगों ने सहजता से स्वीकार किया था। योगी आदित्यनाथ ने विराजमान रामलला को टेंट से निकाल कर पूरी श्रद्धा के साथ उन्हें अपनी गोद में उठाया। इसके बाद वह उन्हें अस्थाई मंदिर तक ले गए। यहां पर उन्होने रामलला को रजत सिंहासन में विराजमान कराया। इस अवधि में यहां पर वैदिक मंत्रों का उद्घोष चलता रहा।

भोर में पांच बजे रामलला की आरती उतारी गई। समारोह में कोरोना से बचाव के सभी नियमों का पालन किया गया। इस अवसर पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास,महामंत्री चम्पत राय, ट्रस्ट के सदस्यगण निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्र दास,अयोध्या राज परिवार के मुखिया विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह अनिल मिश्र जिलाधिकारी अनुज झा सहित संत व महंत मौजूद थे। योगी आदित्यनाथ ने राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला को ग्यारह लाख रुपए का चेक अर्पित किया। यह धनराशि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में जमा होगी।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या मंदिर निर्माण का आह्वान कर रही है। मंदिर निर्माण के मद्देनजर पहला चरण संपन्न हो गया है। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम त्रिपाल से नए आसन पर विराजमान हो गए हैं। अब इसके बाद मंदिर निर्माण की दिशा में आगे की प्रक्रिया का श्रीगणेश होगा।

-डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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